1100 करोड़ की विशाल मेगामार्ट को 11 करोड़ में बेचा, इस पूंजी से 800 करोड़ के कारोबार वाली दूसरी कंपनी खड़ी की
नई दिल्ली (अमित कुमार निरंजन).शारीरिक अक्षमता के बाद भी बिजनेस करने की चाह इस कदर थी कि एक छोटी सी गारमेंट दुकान को 1,100 करोड़ रुपए वाले विशाल मेगामार्ट में बदल दिया। फिर, हसरतें इतनी बड़ी हुईं कि जल्द विस्तार की चाहत में हड़बड़ी कर दी। जल्दबाजी में लिए गए गलत फैसलों से विशाल मेगामार्ट औंधे मुंह गिर गई तो इसे महज 11 करोड़ रुपए में बेचना पड़ा। फिर भी हौंसला नहीं टूटा। इसी बची-खुची पूंजी से एक बार फिर वी टू रिटेल कंपनी खड़ी कर दी। कंपनी इसी साल 800 करोड़ रुपए के टर्नओवर को छूने वाली है। कंपनी के संस्थापक रामचंद्र अग्रवाल ने इसी तरह की चुनौतियां का सामना कर फिर से खुद को खड़ा किया।
अग्रवाल ने बताया कि उनका एक पैर बिल्कुल काम नहीं करता है इसलिए बैसाखियों का सहारा लगता है। उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। 26 साल की उम्र में नौकरी की। एक साल बाद महसूस हुआ कि नौकरी उनके लिए नहीं है। लिहाजा वर्ष 1986 में फोटोकॉपी की दुकान खोली। घाटा हुआ तो सॉफ्ट ड्रिंक की दुकान खोली लेकिन यह भी नहीं चली। फिर फैब्रिक में भी नाकामयाबी मिलीं। लिहाजा 50 वर्गफीट में रेडीमेड कपड़ों की दुकान खोल ली। तब 100-200 रुपए की सेल आती थी।वर्ष 1993 में विशाल गारमेंट्स का नाम कोलकाता में होने लगा था। वर्कर्स यूनियन की दिक्कतों के चलते वर्ष 2003 में दिल्ली में विशाल मेगामार्ट खोल ली। अग्रवाल के मुताबिक धंधा चल निकला था लेकिन वे अभी परिपक्व नहीं हो पाए थी। फटाफट कारोबारी साम्राज्य फैलाने की अतिमहत्वाकांक्षा मेंकरीब आधे दर्जन कारखाने खोल लिए थे। वर्ष 2008 में कंपनी ने 1100 करोड़ रुपए का कारोबार किया। घाटा इतना बढ़ा कि 2010-11 में इसे महज 11 करोड़ रुपए में बेचना पड़ा।
पूरे देश में विशाल मेगामार्ट के पास साढ़े तीन हजार वर्कर्स
काम से जुड़ा न कि दुकानों से, इसलिए विशाल के बिकने का दु:ख नहीं हुआ
अग्रवाल के मुताबिक उन्होंने असफलता से यह सीखा कि उस समय हड़बड़ाहट के साथ जिम्मेदारी का भाव नहीं था। अब जिम्मेदारी का भाव है। विशाल मेगामार्ट बेचने के दो साल के भीतर ही वी टू रिटेल नाम की कंपनी डाल दी। वे बताते है कि उन्होंने काम से प्यार किया था न कि दुकानों से, इसलिए विशाल मेगामार्ट बेचने का ज्यादा दु:ख नहीं हुआ। अग्रवाल के मुताबिक वे इसे सिर्फ अपना धर्म मान कर काम करते हैं।
अगले साल ई-कॉमर्स में होलसेल और रिटेल में लॉन्चिंग की तैयारी
रामचंद्र बताते हैं कि अगले साल ऑनलाइन ई-कॉमर्स लॉन्चिंग की प्लानिंग है। ऑनलाइन में होलसेल और रिटेल भी दोनों लॉन्चिंग होगी। वैल्यू रिटेल में फैक्ट्री खोली है जिसमें करीब 1500 लोग काम करते हैं। पूरे देश में मेरे साथ अभी करीब साढ़े तीन हजार वर्कर्स काम करते हैं। वह दावा करते हैं कि संभवत: वे अकेले ऐसे वैल्यू रिटेलर है जो मैन्युफैक्चरिंग से लेकर हर चैनल में माल बेचेंगे।
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