मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की 1500 कंपनियों के सर्वे में निवेश बढ़ने के संकेत मिले: आरबीआई गवर्नर

मुंबई. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि ग्रोथ बढ़ाने के लिए मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने भारतीय कंपनियों से ग्लोबल सप्लाई चेन के साथ मिलकर एक्सपोर्ट बढ़ाने की अपील भी की। दास ने इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में चर्चा के दौरान बताया कि मॉनेटरी पॉलिसी से पहले आरबीआई ने 1,539 मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों का सर्वे किया था। इस दौरान निवेश चक्र में सुधार के संकेत मिले। कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 45% फंड फिक्स्ड एसेट्स में डाला। पिछले साल इसी अवधि के दौरान यह दर 18.9% थी।

आरबीआई ने इस साल 6 में से 5 बार रेपो रेट में कमी की
दास ने कहा कि आर्थिक विकास दर में सुस्ती का अंदाजा फरवरी में ही हो गया, इसलिए ब्याज दरें घटाना शुरू कर दिया था। लेकिन, यह चौंकाने वाली बात है कि जब दरें घटाने का सिलसिला रोका तो बाजार को अचंभा क्यों हुआ? बता दें आरबीआई ने 5 दिसंबर को मौद्रिक नीति की समीक्षा में प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। विश्लेषक 0.25% कटौती की उम्मीद कर रहे थे। हालांकि, इससे पहले फरवरी से अक्टूबर तक लगातार पांच बार में 1.35% कमी की थी।

आरबीआई गवर्नर का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था को लेकर उद्देश्यपूर्ण और जानकारी देने वाली चर्चा की जरूरत है। ग्रोथ में सुस्ती और महंगाई दर में बढ़ोतरी को देखते हुए आरबीआई सभी जरूरी कदम उठाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों की स्थिति अच्छी रहे। आर्थिक विकास दर के लिए आरबीआई और सरकार ने सही समय पर कदम उठाए हैं।



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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास।


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