सरकार और आरबीआई की फरमाइश, बैंकों द्वारा लोन सस्ता करने की गुंजाइश

नई दिल्ली। भले ही भारतीय रिजर्व बैंक ( reserve bank of india ) की ओर से रेपो रेट ( repo rate ) में कटौती करने से इनकार कर दिया हो, उसके बाद भी बैंक जनवरी में लोन को सस्ता कर सकते हैं। इसके लिए सरकार और आरबीआई ( rbi ) सरकारी बैंकों से बात करने में जुटी हुई है। अगर ऐसा होता है तो देश में क्रेडिट ग्रोथ ( Credit Growth ) और कैश फ्लो की संभावनाओं में इजाफा होने की उम्मीद है।

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आरबीआई ने की बैंकों से की बात
आरबीआई ने बैंकों से उम्मीद लगाई है कि वो अपनी बैलेंसशीट के हिसाब से लोन को सस्ता करें। आरबीआई का मानना है कि भले ही आरबीआई ने दिसंबर के महीने में रेपो रेट में कोई कमी नहीं की। लेकिन उससे पहले वो 1.35 फीसदी की कटौती कर चुका है। जबकि बैंकों ने उस हिसाब से लोन सस्ता नहीं किया है। आंकड़ों की मानें तो रेपो रेट में कटौती के मुकाबले बैंकों की ओर से सिर्फ 0.45 फीसदी का ही फायदा दिया है। वैसे बैंकों की ओर से दिसंबर में भी लोन को सस्ता किया था। प्राप्त जनकारी के अनुसार बैंको लोन को 0.10 से 0.15 फीसदी तक सस्ता कर सकते हैं।

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बड़े बैंकों की ओर से मिला आश्वासन
वहीं आरबीआई और सरकार की ओर से बातचीत के बाद कई बड़े बैंकों की ओर से लोन सस्ता करने का आश्वासन मिल चका है। बैंकों का कहना है कि वो अपनी बैलेंसशीट के अनुसार लोन को सस्ता कर सकते हैं। वैसे स्मॉल सेविंग और डिपॉजिट रेट भी कम हो चुके हैं। ऐसे में बैंकों के लिए कर्ज को सस्ता करने का रास्ता निकल सकता है। आपको बता दें कि देश की इकोनॉमी में कैश फ्लो बढ़ाने के लिए पूरी कवायद की जा रही है।



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