सिर्फ भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में छाई है रियल एस्टेट में मंदी
नई दिल्ली। आज पूरी दुनिया आर्थिक मंदी ( economic slowdown ) के चपेट में है। वर्ल्ड बैंक ( World Bank ), आईएमएफ ( IMF ) इस बारे में कई बार कह चुका है। सबसे ज्यादा असर भारत के अलावा अमरीका और चीन पर पड़ रहा है। जिसकी वजह से इन देशों के अमीर लोगों की संपत्तियों पर भी है पड़ रहा है। अगर बात रियल एस्टेट ( real estate ) की करें तो भारत के साथ पूरी दुनिया में रियल एस्टेट सेक्टर ( real estate sector ) भी मंदी के दौर से गुजर रहा है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स ( Bloomberg Billionaires Index ) की रिपोर्ट यह बात शत प्रतिशत साबित करती है। इस इंडेक्स में 100 सबसे अमीर लोगों की सूची में जेफ बेजोस समेत 6 लोगों की संपत्ति में गिरावट देखने को मिली है। जिनमें से 3 उद्योगपति रियल एस्टेट से हैं। बाकी तीन अलग-अलग सेक्टर से जुड़े हुए हैं। ताज्जुब की बात तो ये है इनमें से एक भी भारतीय नहीं है।
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ब्लूमबर्ग रिपोर्ट से आई रियल एस्टेट में मंदी की महक
वैश्विक आर्थिक मंदी का असर वैसे तो हर सेक्टर में देखने को मिल रहा है। भारत की बात करें तो कोर सेक्टर पूरी तरह डूबा हुआ है। वहीं रियल एस्टेट सेक्टर की हालत भी काफी खस्ता है। रियल एस्टेट सेक्टर भारत में दस सालों की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजर रहा है। वहीं दुनिया में हालत और भी बुरे हैं। खासकर चीन और अमरीका रियल एस्टेट में मंदी इतनी बुरी तरह से छाई हुई है कि दुनिया के दिग्गज उद्योगपतियों की संपत्ति में कटौती देखने को मिली है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स की रिपोर्ट के अनुसार टॉप 100 सबसे अमीर उद्योगपतियों में 6 की संपत्ति में कमी आई है। जिनमें से 3 उद्योगपति रियल एस्टेट सेक्टर जुड़े हुए हैं। जिनमें से भी दो उद्योगपति चीन के हैं और एक अमरीका का उद्योगपति है।
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इन रियल एस्टेट उद्योगपतियों की संपत्ति में कटौती
पहले बात चीन के रियल एस्टेट से जुड़े कारोबारी की करें तो हुई का यान दुनिया में 33 वें सबसे अमीर शख्स हैं। जिनकी कुल संपत्ति 28.9 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। रियल एस्टेट में मंदी के असर से उनकी संपति में 2019 में 3.3 बिलियन डॉलर की कटौती हुई है। वहीं चीन के दूसरे रियल एस्टेट कारोबारी वांग जियानलिन 16.7 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के 75वें सबसे अमीर शख्स हैं। 2019 में उनकी संपत्ति में 919 मिलियन डॉलर कमी आई है। अब दुनिया के 83 वें सबसे अमीर शख्स डोनाल्ड ब्रन की बात करें तो वो भी रियल एस्टेट में छाई मंदी के शिकार हैं। उनके पास 16.2 बिलियन डॉलर की संपत्ति है और इस साल की कुल संपत्ति में एक बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
दुनिया के इन रियल एस्टेट कारोबारियों की संपत्ति हुई कम
कारोबारी का नाम | देश | कुल संपत्ति | 2019 में नुकसान |
हुई का यान | चीन | 28.9 बिलियन डॉलर | 3.3 बिलियन डॉलर |
वांग जियानलिन | चीन | 16.7 बिलियन डॉलर | 919 मिलियन डॉलर |
डोनाल्ड ब्रन | यूएस | 16.2 बिलियन डॉलर | 1 बिलियन डॉलर |
दूसरे सेक्टर के कारोबारियों को भी नुकसान
वहीं बात अन्य सेक्टर के कारोबारियों की बात करें तो ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में दूसरे नंबर के सबसे अमीर शख्स जेफ बेजोस को भी भारी भरकम नुकसान हुआ है। टेक्नोलॉजी कारोबार से जुड़े जेफ के पास 112 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। जबकि उनको नुकसान 13.4 बिलियन डॉलर का हुआ है। अगला नाम हांगकांक के उद्योगपति ली मैन टैट का है। वो फूड और ब्रेवरेज कारोबार से जुड़े हुए हैं। वो दुनिया के 82वें सबसे अमीर इंसान है। जबकि 2019 में उनकी संपत्ति में 496 मीलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। उनके पास कुल संपत्ति 16.2 बिलियन डॉलर की है। वहीं दुनिया के 94 सबसे अमीर शख्स थॉमस पीटरफी के पास 15.1 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। फाइनेंस से जुड़े इस अमरीकी कारोबारी की कुल संपत्ति से 2019 में 2.32 बिलियन डॉलर कम हुई है।
दुनिया के इन कारोबारियों की संपत्ति में हुई कटौती
कारोबारी का नाम | देश | कुल संपत्ति | 2019 में नुकसान |
जेफ बेजोस | अमरीका | 112 बिलियन डॉलर | 13.4 बिलियन डॉलर |
ली मैन टैट | हांगकांग | 16.2 बिलियन डॉलर | 496 मीलियन डॉलर |
थॉमस पीटरफी | अमरीका | 15.1 बिलियन डॉलर | 2.32 बिलियन डॉलर |
भारत में रियल एस्टेट की स्थिति
नीति आयोग की फरवरी 2019 की अनुमानित रिपोर्ट के अनुसार भारत में रियल एस्टेट का कुल कारोबार 8.3 लाख करोड़ रुपए है। जो बीते एक दशक की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुजर रहा है। जुलाई में आई रियल्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो देश के 8 प्रमुख शहरों मुंबई, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, बेंगलूरू, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे और कोलकाता में 2019 की पहली छमाही में बिना बिके हुए घरों की संख्या 4,50,263 थी। ताज्जुब की बात तो ये है कि इस दौरान इन तमाम शहरों में 21 फीसदी नए प्रोजेक्ट्स को लांच किया गया था। 2019 के पहले छह महीनों में मुंबई महानगर में बिना बिके हुए फ्लैट की संख्या संख्या 1,36,525 थी और 1,30,000 बिना बिके फ्लैटों की संख्या दिल्ली एनसीआर की थी। वहीं बेंगलुरू में 85,387 फ्लैट नहीं बिक पाए थे। जिसकी वजह से देश के रियल एस्टेट कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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