कोरोना वायरस की ग्लोबल ट्रैवल इंडस्ट्री पर मार, 560 बिलीयन डॉलर का हो सकता नुकसान

नई दिल्ली। जब से चीन में कोरोना वायरस की शुरुआत हुई है, तब से कई सेक्टर्स में असर देखने को मिला है। कई कंपनियों ने चीन में अपने प्लांट बंद कर दिए हैं। वायरस के करीब 50 देशों में फैलने की वजह से कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को ट्रैवल करने तक से मना कर दिया है। जिसका असर ग्लोबल ट्रैवल इंडस्ट्री पर दिखाई दे रहा है। आंकड़ों की मानें तो कोरोना वायरस के शुरू होने से लेकर अब तक ग्लोबल ट्रैवल इंडस्ट्री को 560 बिलियल डॉलर का नुकसान हो सकता हैै। खास बात तो ये है कि चीन की यात्रा से संबंधित यह आंकड़ा 400 बिलियन डॉलर पर है।

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ग्लोबल ट्रैवल इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान
अगर बात ग्लोबल ट्रैवल इंडस्ट्री के नुकसान की करें तो चीन और युरोप के देशों को मिलाकर 509 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। जिसमें से चीन से संबंधित 400 बिलियन डॉलर और युरोप से संबंधित 109 बिलियन डॉलर है। अमरीका स्थित ग्लोबल बिजनेस ट्रैवल एसोसिएशन के अनुसार दो-तिहाई लोगों ने कई यात्राओं को स्थगित कर दिया था, जबकि 95 फीसदी ने चीन की यात्राओं को निलंबित कर दिया है। 23 फीसदी यूरोपीय देशों जैसे फ्रांस, जर्मनी और इटली की यात्राओं को रद कर दिया है। बाकी नुकसान दूसरे देशों में जाने से रोक पर भी हुआ है।

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पूर्वानुमान में की कटौती
वास्तव में ग्लोबल बिजनेस ट्रैवल एसोसिएशन ने वर्ष 2020 में ग्लोबल कॉरपोरेट ट्रैवल एक्सपेंडिचर का जो अनुमान लगाया था उसमें 37 फीसदी की कटौती कर दी है। जीबीटीए की ओर से इसका कारण कोरोना वायरस को बताया है। संगठन ने यह भी कहा है कि अगर यह वायरस वैश्विक महामारी में बदलता है तो यह आंकड़ा और भी अधिक हो सकता है। संगठन के अनुसार दुनिया की सभी मल्टी नेशनल कंपनियों की ओर से दूसरे देशों में होने वाली बैठकें और कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और कंपनियों ने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए यात्रा को सीमित या यूं कहें कि खत्म ही कर दिया है। जिसका असर ग्लोबल ट्रैवल इंडस्ट्री पर दिखाई देना शुरू हो गया है।

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महामारी घोषित होने के बाद और होगा नुकसान
एसोसिएशन के मुख्य परिचालन अधिकारी स्कॉट सोलोमब्रिनो ने कहा कि वायरस मूल रूप से कंपनियों के कारोबार करने के तरीके को प्रभावित कर रहा है। यदि यह वायरस वैश्विक महामारी में बदलता है, तो उद्योग को अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है। जो पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। आपको बता दें कि शुक्रवार को कोरोना वायरय की वजह से दुनिया भर के देशों के बाजारों को डूबो दिया था। जिसकी वजह से दुनिया के सभी बड़े निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा था। डच बैंक आईएनजी ने कहा क कोरोना वायरस स के असर की वजह से एशियाई अर्थव्यवस्थाओं को इस साल सकल घरेलू उत्पाद में 105 बिलियन डॉलर से 115 बिलियन डॉलर तक का नुकसान हो सकता है।



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