जीडीपी के आंकड़े आने के बाद एफएम ने कहा, कोरोनावायरस चुनौती है पैनिक नहीं

नई दिल्ली। वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी के आंकड़ों में 0.2 फीसदी आने के बाद केंद्र सरकार और वित्त मंत्री काफी कांफिडेंट दिखाई दे रही हैं। आंकड़ों के जारी होने बाद एफएम का कहना है कि स्थिरता देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज से अच्छे संकेत हैं। वहीं उन्होंने कोरोना वायरस को एक चुनौती तो बताया, लेकिन अर्थव्यवसथा के लिहास से पैनिक नहीं। यह बात और है कि दुनियाभर की तमाम आर्थिक एजेंसियां कोरोना वायरस को वैश्विक अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा दुश्मन मानकर चल रही हैं। इसी पैनिक की वजह से शुक्रवार को दुनियाभर के बाजारों के साथ भारतीय दूसरी ऐतिहासिक गिरावट के साथ बंद हुआ था।

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वित्त मंत्री के लिए पैनिक नहीं है कोरोना वायरस
देश की वित्त मंत्री ने दुनियाभर के लिए पैनिक बने कोरोनावायरस को सिर्फ चुनौतीपूर्ण माना है। उन्होंनेे कहा है कि उनके तीन हफ्ते के बाद कोरोनावायरस एक बड़ी चुनौती होगा, उससे निपटना बहुत मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर समय पर कोरोना को डिकोड नहीं किया गया तो गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं। वहीं दूसरी ओर उन्होंने इसे इकोनॉमी के लिहाज से पैनिक मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह बात इसलिए कही कि दिसंबर तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों में इजाफा हुआ है। सितंबर तिमाही के मुकाबले यह वृद्घि सिर्फ 0.2 फीसदी की देखने को मिली है। उन्होंने इस बारे में कहा है कि स्थिरता देश की इकोनॉमी के लिहाज से अच्छा संकेत है। मीडिया रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि उन्हें जीडीपी के आंकड़ों में इजाफे की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी।

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पैनिक ना बताने पर एफएम के तर्क
वित्त मंत्री ने कोरोनावायरस को पैनिक ना बताने के पीछे अपने तर्क दिए हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत की हस्तियों से हुई बातचीत के आधार पर इसे एक बड़ी चुनौती स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन पैनिक बटन बिल्कुल भी नहीं दबाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग का जो सामान चीन से आता है उसे उद्योग जगत के लोग एयरलिफ्ट कराने पर विचार कर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने पूरी सरकारी मदद देने का भी आश्वासन दिया। वहीं उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों को अच्छे से तैयार किया जा रहा है ताकि वो रिटेल, होम और एग्रीकल्चर में ज्यादा से ज्यादा कर्ज दें सके।



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