सरकार ने चलाई आम जनता की बचत पर कैंची, पीपीएफ से लेकर केवीपी तक की ब्याज दरों में की 1.40 फीसदी की कटौती

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के कारण सरकार और आरबीआई ने देश के लोगों को बड़ी राहत दी थी। जहां सरकार की ओर से 1.70 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज दिया था। वहीं दूसरी ओर आरबीआई ने 75 फीसदी तक नीति गत दरों में कटौती की थी। इसी कटौती की वजह से सरकार ने आम जनता की छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कैंची चला दी है। जानकारी के अनुसार सरकार ने पीपीएफ, सुकन्या, पोस्ट ऑफिस, किसान विकस पत्र जैसी तमाम छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में भारी कटौती कर दी है। सरकार द्वारा यह कटौती 0.70 फीसदी से लेकर 1.40 फीसदी तक कर दी गई हैं। नई दरें अप्रैल से जून तिमाही तक लागू रहेंगी।

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किन योजनाओं पर कितनी कटौती
सरकार की ओर से नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट की ब्याज दरों में 1.10 फीसदी की कटौती कर दी गई है। अब इस स्कीम में रुपया लगाने वालों को 6.8 फीसदी की दर से ब्याज दिया जाएगा। वहीं 5 साल के रिकरिंग डिपोजिट अकाउंट पर भी ब्याज दर में बड़ी कटौती की गई है। इस अकाउंट की ब्याज दर में सबसे अधिक 1.40 फीसदी की कटौती इस अवधि के डिपोजिट में ब्याज दर 5.8 फीसदी की गई है। वहीं किसान विकास पत्र, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपोजिट 5 साल के लिए और मंथली इनकम अकाउंट जैसी योजनाओं में कटौती कर दी गई है।

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कटौती के बाद किस योजना में कितना मिलेगा ब्याज

योजना का नाम कटौती के बाद ब्याज दर ( फीसदी में )
पब्लिक प्रोविडेंट फंड 7.1
सुकन्या समृद्धि योजना 7.6
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना 7.4
राष्ट्रीय बचत पत्र 6.8
किसान विकास पत्र 6.9
पोस्ट ऑफिस टाइम डिपोजिट 5 साल के लिए 6.7
मंथली इनकम अकाउंट 6.6

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आखिर क्यों की कटौती
वास्तव में सरकार ने कटौती इसलिए की क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से रेपो रेट में भारी कटौती कर दी थी। आरबीआई ने रेपो रेट में 75 आधार अंकों की ऐतिहासिक कटौती की थी। जिसके बाद सरकार को यह कदम उठाना पड़ा। वैसे यह दरे अप्रैल से जून तक की तिमाही तक के लिए लागू होंगी। जानकारों की मानें जो जून में इनकी ब्याज दरों में सरकार इजाफा भी कर सकती है। अगर हालात सामान्य ना हुए तो इन ब्याज दरों को स्थिर या और कम भी कर सकती है।



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