शेयर बाजार की गिरावट से म्यूचुअल फंडों में बढ़ा निवेशकों का विश्वास, मार्च में 11,485 करोड़ रुपये का हुआ निवेश

मार्च में कोरोनावायरस के कहर के कारण शेयर बाजारों में हड़कंप का माहौल से जहां बाजार ने गहरा गोता लगाया वहीं इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 11,485 करोड़ रुपये का निवेश हुआ जो पिछले एक साल में सबसे ज्यादा मासिक इनफ्लो है। इसका संकेत यह है कि बाजार की गिरावट से निवेशकों ने मुंह मोड़ लिया और सुरक्षित माने जानेवाले म्यूचुअल फंडों में निवेश किया। हालांकि इसी दौरान विदेशी निवेशकों यानी एफआईआई ने भारतीय इक्विटी और डेट बाजार से कुल 1.23 लाख करोड़ रुपये की निकासी की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों यानी डीआईआई ने 55,595 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था।

म्यूचुअल फंड से 2.13 लाख करोड़ का आउटफ्लो

म्यूचुअल फंड की संस्था एंफी के मुताबिक, सभी म्यूचुअल सेगमेंट से पिछले महीने 2.13 लाख करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो हुआ। इसकी वजह लिक्विड या मनी मार्केट स्कीमों से बड़े पैमाने पर हुई निकासी थी। उससे पिछले महीने यानी फरवरी में कुल 1,985 करोड़ रुपये का आउटफ्लो हुआ था। मार्च में इक्विटी और इक्विटी लिंक्ड ओपन एंडेड स्कीमों में 11,723 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ था और क्लोज एंडेड फंड से 238 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी। इस तरह पिछले महीने इक्विटी म्यूचुअल फंड की स्कीमों में 11,485 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो रहा, जो फरवरी के 10,760 करोड़ रुपये के नेट इनफ्लो से काफी ज्यादा है। यह मार्च 2019 के बाद सबसे ज्यादा मासिक इक्विटी इनफ्लो रहा जब इन स्कीमों में नेट बेसिस पर 11,756 करोड़ रुपये का निवेश आया था।

मल्टीकैप पर बना हुआ है निवेशकों का फोकस

पिछले महीने कमोबेश सभी इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड कैटिगरी में नेट इनफ्लो हुआ था। मल्टीकैप फंड्स में 2,268 करोड़, लार्ज कैप में 2,060 करोड़, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में 1,551 करोड़ और मिड कैप स्कीमों में 1,233 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ था। दरअसल निवेशकों का फोकस मल्टी कैप कैटिगरी पर बना हुआ है क्योंकि इससे उन्हें इक्विटी मार्केट के तीनों सेगमेंट-लार्ज, मिड और स्मॉल कैप में एक्सपोजर मिलता है। इनका मकसद एक फंड के जरिए तीनों मार्केट सेगमेंट में बनने वाले मौकों का फायदा उठाना होता है। कोविड19 के चलते फैली महामारी से ग्लोबल इकनॉमिक स्लोडाउन का असर गहराने के डर से भारत सहित दुनियाभर के शेयर बाजारों में बिकवाली हुई है। BSE सेंसेक्स मार्च में 23% गिर गया था।

अप्रैल में भी सेंटीमेंट रहेगा मजबूत
एम्फी के सीईओ एन एस वेंकटेश के मुताबिक घरेलू निवेशक इस संकट और इसके चलते इक्विटी मार्केट में आई तेज गिरावट को इक्विटी मार्केट में निवेश करने के बड़े मौके के रूप में ले रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मेरे हिसाब से इक्विटी स्कीमों का सेंटीमेंट बहुत मजबूक है जिसके चलते इनमें मजबूत इनफ्लो हो रहा है।' वेंकटेश को अप्रैल में भी मजबूत इनफ्लो रहने की उम्मीद है।



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