लोगों के घरों में रहने से 20% बढ़ा डाटा का इस्तेमाल, वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप्स का प्रयोग सबसे ज्यादा
कोरोनावायरस महामारी का संक्रमण रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 25 मार्च से पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लगा रखा है। इस कारण लोग घरों में ही रहने के लिए मजबूर हैं। लॉकडाउन के दौरान लोग इंटरनेट के जरिए घरों से ही काम कर रहे हैं। साथ ही छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। जो लोग कोई काम नहीं कर रहे हैं, वह घरों में वीडियो स्ट्रीमिंग और गेमिंग एप्स के जरिए अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। इससे बीते तीन सप्ताह में डाटा खपत में 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह जानकारी इंटरनेट एक्सचेंज फर्म डीई-सीआईएक्स ने दी है।
वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप्स का सबसे ज्यादा इस्तेमाल
कंपनी ने कहा है कि एक साथ कई लोगों को कनेक्ट करने वाले टूल्स जैसे जूम, स्काइपे, वेबेक्स, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल दोगुना तक बढ़ गया है। वहीं वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप्स जैसे नेटफ्लिक्स, जी5, अमेजन प्राइम आदि और गेमिंग ऐप्स का इस्तेमालल 120 गुना बढ़ गया है। डीई-सीआईएक्स के अंतरराष्ट्रीय सीईओ ईवो इवानोव का कहना है कि हम पिछले तीन सप्ताह में भारत में डाटा खपत में औसतन 20 फीसदी की वृद्धि देख रहे हैं। कई लोगों को एक साथ कनेक्ट करने वाले टूल्स, वीडियो स्ट्रीमिंग और गेमिंग ऐप्स कुल डेटा का करीब 80 फीसदी इस्तेमाल कर रहे हैं।
भविष्य में अर्थव्यवस्था को संभालने में महत्वपूर्ण रहेगा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार काम प्रभावित होने की शिकायतों के बिना डाटा खपत में बढ़ोतरी हो रही है, उससे यह लगता है कि आने वाले समय में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर अर्थव्यवस्था को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि फर्स्ट टाइम यूजर और अन्य लोग जिस प्रकार से एक साथ कई लोगों को कनेक्ट करने वाले टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि यह स्थिति कोरोनावायरस की समस्या खत्म होने के बाद भी बनी रहेगी।
18 मार्च को सबसे ज्यादा डाटा का इस्तेमाल
कंपनी ने 18 मार्च को सबसे ज्यादा 2.45 टेराबिट प्रति सेकेंड डाटा खपत का रिकॉर्ड दर्ज किया। इसका मतलब यह हुआ कि इस दिन 2.64 करोड़ जीबी डाटा का इस्तेमाल हुआ। कंपनी के अनुसार सामान्य दिनों में 81 जीबी प्रति सेकेंड यानी 70 लाख जीबी प्रतिदिन डाटा का इस्तेमाल होता है। इवानोव ने कहा कि कंपनी के नेटवर्क पर कोई बोझ नहीं है। हालांकि टेलीकॉम ऑपरेटर और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को अपनी झमता में विस्तार करने की जरूरत है। सभी संबंधित स्टेकहोल्डर्स को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को अपनी टॉप प्रायोरिटी में रखना चाहिए।
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