लॉकडाउन के दो हफ्तों में 5 करोड़ लोग हुए बेरोजगार, अगले एक हफ्ते में हालात ज्यादा खराब होने का अनुमान : रिपोर्ट
कोरोनावायरस के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले शुरुआती आंकड़ों पर गौर करें, तो यह काफी डराने वाले थे। इन आंकड़ों के आधार पर दावा किया गया था कि शहरी इलाकों में कोरोवायरस की वजह से बेरोजगारी दर बढ़कर 30.9 फीसदी हो जाएगी, जबकि ओवरऑल बेरोजगारी दर के 23.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के साप्ताहिक सर्वे के आंकड़ों पर गौर करें, तो मध्य मार्च में 8.4 फीसदी रहने वाली बेरोजगारी दर 5 अप्रैल तक बढ़कर 23 फीसदी हो गई है।
5 करोड़ लोग हुए बेरोजगार
भारत के सांख्यिकीविद प्रनब सेन के मुताबिक अगर एक अनुमानित कैलकुलेशन के आधार पर लॉकडाउन के पिछले दो हफ्तों में करीब 50 मिलियन यानी 5 करोड़ लोगों बेरोजगार हुए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते ज्यादातर लोग अपने घरों को वापस चले गए हैं। ऐसे में आने वाले कुछ महीनों में बेरोजगारी दर में अनुमानित आंकड़ों से कहीं ज्यादा का इजाफा देखा जा सकता है। मतलब लॉकडाउन के खत्म होने का बाद बेरोजगारी दर के सटीक आंकड़ों का पता लग सकेगा।
अमेरिका में एक करोड़ लोग हुए बेरोजगार
मिंट की खबर के मुताबिक जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ इकोनॉमिक्स हिमांशू ने कहा कि बेरोजगारी दर भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर देखने को मिल सकती है। आंकड़ों में दावा किया गया है कि पिछले हफ्तों में अमेरिका में करीब 1 करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में लॉकडाउन खत्म होने के बाद बेरोजगारी दर में कितना बढ़ोतरी होगी। यह देखना अहम हो जाएगा। हिमांशू की मानें, तो देश का लगभग एक-तिहाई कार्यबल अस्थायी होता है, जिनके पास इकोनॉमिक सेफ्टी और सिक्योरिटी नहीं होती है। इससे अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में सरकार को लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए उचित कदम उठाने होंगे।
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