अब एफसीआई कर्मियों को भी हेल्थ कर्मियों की तरह मिलेगा कोरोना सुरक्षा बीमा

नई दिल्ली। देश में हेल्थ वर्कर्स, डॉक्टर्स, बैंक कर्मचारियों एवं अन्य कोरोना वॉरियर्स के साथ हजारों कर्मचारी मजदूर ऐसे भी हैं जो देश में आटा, दाल, चावल की सप्लाई सुनिनिश्चत करने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं। जिन लोगों की सुरक्षा के बारे में केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान ने बड़ा ऐलान किया है। ऐसे हजारों कर्मचारियों अधिकारियों और मजदूरों को बीमा सुरक्षा का लाभ दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने सभी चार कैटेगिरी में बांटा है। उसी के हिसाब से उनका बीमा कराया जाएगा।

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एक लाख से ज्यादा होगा लाभ
केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को भारतीय खाद्य निगम यानी एफसीआई मजदूरों, कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए कोरोना वायरस से बचने के लिए बीमा सुरक्षा देने का ऐलान किया है। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच भी देशभर में खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम कर रहे भारतीय खाद्य निगम के 80 हजार मजदूरों सहित कुल 1,08714 कर्मियों और अधिकारियों को कोविड-19 से मौत होने पर जीवन बीमा सुरक्षा देने के प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दे दी है।

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कैटेगिरी के हिसाब से किया जाएगा बीमा
इसके तहत 24 मार्च, 2020 से 23 सितंबर, 2020 तक छह महीने के दौरान एफसीआई के लिए अपनी ड्यूटी निभाते हुए कोविड-19 के संक्रमण से मौत होने पर एफसीआई के नियमित मजदूरों को 15 लाख रुपए, अनुबंधित मजदूरों को 10 लाख रुपए, कैटेगरी-1 के अधिकारियों को 35 लाख रुपए, कैटेगरी-2 को 30 लाख रुपए और कैटेगरी 3 व 4 के कर्मचारियों को 25-25 लाख रुपए की बीमा सुरक्षा दी गई है।पासवान ने कहा कि इस संकटकाल में अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को सेवा मुहैया करा रहे कोरोना वारियर्स को हर सुरक्षा मुहैया कराने के प्रति सरकार कृतसंकल्प है।

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पहली बार मजदूरों को किया गया शामिल
मंत्रालय की ओर से एक बयान में कहा गया कि फिलहाल एफसीआई के कर्मचारियों को आतंकवादी हमले, बम ब्लास्ट, भीड़ के हमले या अन्य प्राकृतिक आपदा में मौत होने पर उनके परिजनों को मुआवजे का प्रावधान है, लेकिन इसमें एफसीआई के नियमित और अनुबंधित मजदूर शामिल नहीं रहे हैं। सरकार ने कोरोना वायरस यानी कोविड-19 के संक्रमण के खतरे के बीच काम कर रहे सभी कर्मियों और मजदूरों को जीवन बीमा सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया है।



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