Coronavirus Lockdown: छोटे कारोबारियों को 75 हजार करोड़ मिल सकता है राहत पैकेज
नई दिल्ली। देश के छोटे और मध्यम वर्ग के कारोबार और कारोबारियों को सरकार बड़ी राहत का ऐलान कर सकती है। छोटे और मध्यम उद्योग को दोबारा से खड़ा करने के लिए सरकार 50000 करोड़ रुपए से लेकर 75 हजार करोड़ रुपए तक के राहत पैकेज पर काम कर रही है। जानकारी के अनुसार यह मदद कोरोना वायरस राहत पैकेज का ही हिस्सा होगा। सरकार के अधिकारियों की माने तो इस राहत पैकेज को अंतिम रूप दिया जाता है। जानकारी के अनुसार इस रुपए को ईंधन पर लगाए जाने वाले सेस और बजटीस समर्थन से लिया जा सकता है।
विचाराधीन है राहत पैकेज
इस राहत का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई को तत्काल पूंजी की जरुरत को पूरा करने के लिए। ताकि वो अपने अधूरे पड़े प्रोडक्शन को पूरा कर डिलीवरी कर भुगतान पा सके। सरकार का मानना है कि एमएसएमई के चलते पहिए देश के विकास के पहियों को आगे बढ़ाने में काफी मददगार साबित होंगे। सरकार के अनुसार इस राहत पैकेज से कुछ तनाव औद्योगिक सेक्टर्स और एक्सपरेटर्स को भी मदद की जा सकती है, लेकिन ऐसे उद्योगों के लिए नए पैकेज पर काम किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह राहत पैकेज विचाराधीन प्रस्तावों में से एक है। इस पैकेज पर काम किया जा रहा है। सही समय पर इस पैकेज की घोषणा की जाएगी।
30 साल के निचले पर जा सकती है जीडीपी
मौजूदा समय में देश की जीडीपी ग्रोथ काफी धीमी गति से आगे बढ़ रही है। कई सेक्टर्स कोरोना वायरस की वजह से काफी मंद पड़ गए हैं। एक फरवरी को घोषित बजट 2020 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी का अनुमान लगाया था, जो 11 साल का निचला स्तर था। मौजूदा स्थिति को देखते हुए दुनिया की कई आर्थिक एजेंसियों ले 2021 की इकोनॉमिक ग्रोथ को और नीचे लेकर आ गए हैं। फिच वित्त 2020-21 की अनुमानित ग्रोथ 2 फीसदी रखी है तो 30 साल का निचला स्तर है। वहीं गोल्डमैन शैक्स ने भी देश की अनुमानित ग्रोथ 1.6 फीसदी रखी है।
इन पर है सरकार का फोकस
अधिकारियों के अनुसार सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में कोरोना वायरस को रोकना है और गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था और अर्थव्यवस्था के इंजन को रिस्टार्ट करना है। जिनमें से पहली दो पर सरकार काम कर रही है। तीसरी प्राथमिकता पर थोड़ा समय लिया जा सकता है। आपको बता दें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को तीन हफ्तों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। 21 दिनों का यह लॉकडाउन 14 अप्रैल तक जारी रहेगा। वैसे सरकार ने लॉकडाउन को आगे ना बढ़ाने के संकेत दिए हैं, वहीं कई राज्यों ने इसे बढ़ाने की मांग भी उठाई है।
राहत पैकेज को बढ़ाने की हो रही है मांग
फेडरेशन और इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री यानी फिक्की की ओर से सरकार को 2 लाख करोड़ रुपए का भारत सेल्फ सफिसिएंसी फंड जेनरेट करने के लिए कहा है, ताकि कोरोना वायरस के बाद इसे इकोनॉमी में डालकर विकास के पहियों को बढ़ाया जा सके। वहीं कुछ ने इस राहत पैकेज को कुल जीडीपी का 2 से 5 फीसदी तक जरूरी बताया है। सीआईआई ने कुल जीडीपी का 2 से 3 फीसदी यानी 4.5 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की मांग की है। आपको बता दें कि देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का ऐलान किया था। जिसके तहत सरकार ने 1.7 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया था।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2UW5O1f
via IFTTT
Post a Comment
0 Comments