वर्क फ्रॉम होम से साइबर हमले का खतरा बढ़ा, इससे बचने के लिए सिक्युरिटी टूल और मजबूत पासवर्ड का लें सहारा

कोरोनावायरस के कारण कई लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। वर्क फ्रॉम के कारण कंपनियों के लिए साइबर सुरक्षा का जोखिम बढ़ा है। कंपनियों के निजी आंकड़ों को कर्मचारी अपने घर से लैपटॉप या घर पर लगे पीसी से एक्सेस कर रहे हैं। संभव है उनमें उसी स्तर का फायरवाल या सिक्योरिटी सिस्टम न हो, जो ऑफिस वाले कंप्यूटर में होता है। ऐसे में साइबर अटैक की संभावना बढ़ जाती हैं। हम आपको उन उपायों के बारे में बता रहे हैं, जिससे आप अपने डाटा को सुरक्षित रख सकते हैं।


सिक्युरिटी टूल का होना जरूरी
पर्सनल डिवाइस परऐपमें संवेदनशील डेटा स्टोर करते समय आपके पास ऐसा सिक्युरिटी टूल होना चाहिए जो मालवेयर, रेंसमवेयर या साइबर क्राइम का पता लगा सके। घर के नेटवर्क में इसके लिए अक्सर फायरवॉल और एनक्रिप्शन का उपयोग किया जाता है। फायरवॉल डिवाइस, एप्लीकेशन को साइबर हमले से बचाती है। या ऐसी कोई वेबसाइट जो आपके नेटवर्क में सेंध लगाने की कोशिश करती है उसका पता लगाकर उसे रोकती है। पब्लिक वाई-फाई से जुड़ना भी स्मार्टफोन और एप के लिए जोखिम की वजह बन सकता है।


फिशिंग ईमेल और मैसेज से सावधान रहें
साइबर अपराधी अक्सर ई-मेल के जरिए फिशिंग हमले करते हैं। यूजर को ऐसे ई-मेल असली लगते हैं लेकिन वह फर्जी होते हैं। इनसे बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अज्ञात सोर्स वाले ई-मेल या किसी अज्ञात वेबसाइट की अचानक खुलने वाली पॉप-अप विंडो में दी लिंक को क्लिक न करें। न ही डाउनलोड लिंक पर क्लिक न करें। अज्ञात वेबसाइट पर अपना ई-मेल रजिस्टर्ड करने से बचें। कोई वेबसाइट सही है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए वेबसाइट के नाम के आगे देखें कि https:// लगा या नहीं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिशिंग स्कैम और फर्जी कोविड-19 लिंक जनवरी 2020 में 15 थीं मार्च में बढ़कर 54,772 हो गई हैं।


मजबूत पासवर्ड बनाएं
हर प्लेटफॉर्म पर पासवर्ड मजबूत बनाएं। पासवर्ड में अल्फा-न्यूमरिक के साथ-साथ स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल करें। अलग-अलग अकाउंट पर एक ही पासवर्ड इस्तेमाल न करें। किसी एक वेबसाइट पर पासवर्ड लीक हो गया तो कोई दूसरा आपके दूसरे अकाउंट में सेंध लगा सकता है। किसी भी दूसरे व्यक्ति को अपना पासवर्ड देने से बचें। अपने वाई फाई को भी मजबूत पासवर्ड से सिक्योर करें। पासवर्ड को परिवार के सदस्यों के नाम या जन्म तिथि पर रखने से बचना चाहिए।

टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूरी

हो सकता है कि हैकर आपके पासवर्ड को चोरी कर सकता है, लेकिन उसके पास मोबाइल मौजूद नहीं होगा जिस पर वेरिफिकेशन कोड या ओटीपी आएगा। इसके हैकर एक्सेस नहीं कर सकेगा। टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सिस्टम अलर्ट के तौर पर भी काम कर सकते हैं, जब कोई आपके अकाउंट में लॉगइन करने की कोशिश कर रहा हो।


साइबर-इंश्योरेंस बीमा कवर भी है जरूरी
सुरक्षा के तमाम उपाय करने के बावजूद हैकर्स साइबर क्राइम के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। इसे देखते हुए साइबर-इंश्योरेंस बीमा कवर लेना अब जरूरत बन गया है। एक कॉम्प्रिहेंसिव साइबर इंश्योरेंस कवर विभिन्‍न प्रकार के साइबर जोखिम के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। इनमें आईडेंटिटी की चोरी, मालवेयर अटैक, आईटी चोरी से नुकसान, साइबर एक्सटोर्शन आदि शामिल हैं। यह बीमा ई-मेल स्पूफिंग और फिशिंग से होने वाले नुकसान भी सुरक्षा मुहैया कराता है। ऐसे किसी नुकसान के मामले में बचाव के लिए कानूनी खर्च, डेटा या कंपयूटर प्रोग्राम रि-इन्स्टाल करवाने आदि के खर्च पर भी बीमा कवर उपलब्ध होता है।



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