प्राइवेट इक्विटी कार्लाइल ने पिरामल फार्मा बिजनेस में खरीदी 20 प्रतिशत हिस्सेदारी, 3,700 करोड़ रुपए में हुआ सौदा
अग्रणी प्राइवेट इक्विटी (पीई) कार्लाइल ने पिरामल फार्मा बिजनेस में 20 प्रतिशत इक्विटी खरीदने को मंजूरी दे दी है। कंपनी इसके लिए 3,700 करोड़ रुपएपिरामल को देगी। इस सौदे से कार्लाइल अपनी प्रतिद्ंवदी कंपनी केकेआर और टीए एसोसिएट्स के बराबर खड़ी हो गई है।
पिरामल फार्मा बिजनेस का वैल्यूएशन 20 हजार करोड़ रुपए
कार्लाइल के इस सौदे के आधार पर पिरामल के फार्मा बिजनेस का कुल मूल्य 20 हजार करोड़ रुपए आंका जा रहा है। पिरामल इंटरप्राइजेज का मार्केट कैपिटलाइजेशन 30 हजार 280 करोड़ रुपए है। पिछले एक महीने में इस शेयर ने 48 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को दिया है। हालांकि मार्च तिमाही में पिरामल इंटरप्राइजेज ने घाटा दिखाया था। कंपनी के वित्तीय वर्ष 2021 के प्रदर्शन के आधार पर देखें तो इसका कर्ज सहित कुल वैल्यूएशन 2.7 अरब डॉलर आ रहा है।
कार्लाइल फार्मा सेक्टर में खरीदती रही है हिस्सेदारी
अमेरिकी पीई कंपनी कार्लाइल के लिए भारत में यह दूसरा फार्मा सौदा है। इससे पहले उसने सीक्वेंट साइंटिफिक में हिस्सेदारी खरीदी थी। वैश्विक स्तर पर कार्लाइल के पास फार्मा सर्विस सेक्टर में मजबूत अनुभव है। कंपनी ने इससे पहले ग्लोबल कांट्रैक्ट रिसर्च डेवलपमेंट और मैन्यूफैक्चरिंग ऑर्गनाइजेशन एएमआर में भी निवेश किया है।
फार्मा में आकर्षक अवसर देख रहे हैं- एमडी
कार्लाइलके एशिया में एमडी नीरज भारद्वाज ने कहा कि वैश्विक फार्मा इंडस्ट्री के रुझान में हम आकर्षक अवसर देख रहे हैं। इसमें ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक ग्रोथ दोनों शामिल हैं। हम अपने ग्लोबल नेटवर्क के नॉलेज का लाभ उठाते हुए हेल्थकेयर सेक्टर में डील करते रहे हैं। हम आगे भी इस अनुभव का विस्तार करते रहेंगे। पिरामल इंटरप्राइजेज एक डाइवर्सिफाई कंपनी है और इसकी मौजूदगी फार्मा के साथ-साथ फाइनेंशियल सर्विसेस एवं हेल्थकेयर में है।
मार्च तिमाही में 1,703 करोड़ रुपए का घाटा
कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 46.6 प्रतिशत है। हालांकि ग्रुप का फाइनेंशियल सर्विसेस बिजनेस काफी दबाव में रहा है। पिछले एक साल में इसके शेयर ने 51 प्रतिशत का घाटा दिया है। पिरामल समूह की बैलेंसशीट कमजोर कॉर्पोरेट लेंडर्स को दिए गए लोन के कारण प्रभावित हुई है। पिरामल इंटरप्राइजेज को मार्च तिमाही में 1,703 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। इसने 1,500 करोड़ रुपए का प्रोविजन किया था। यह प्रोविजन कोरोना से संबंधित नुकसान को देखते हुए किया था।
पिरामल ने 2010 में एबॉट को फॉर्मूलेशन बिजनेस बेचा था
कंपनी ने अपने घरेलू फॉर्मूलेशन बिजनेस को एबॉट को 17,000 करोड़ रुपए में 2010 में बेच दिया था। अरबों डॉलर का बिजनेस खड़ा करनेवाला पिरामल समूह इस तरह का डील करता रहा है। इसके कुल कारोबार में फार्मा बिजनेस का योगदान करीबन 41 प्रतिशत है। दो साल पहले की तुलना में इसमें 60 प्रतिशत की गिरावट आई है। कंपनी का फार्मा वर्टिकल 15 प्रतिशत सीएजीआर की दर से पिछले 9 साल में बढ़ा है। 2020 में इसकी बिक्री 5,419 करोड़ रुपए रही है।
पिरामल नेश्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस में बेची थी 2,300 करोड़ में हिस्सेदारी
कंपनी फार्मा के कई सेक्टर के साथ-साथ रियल इस्टेट, फाइनेंशियल सर्विसेस आदि में शामिल है। कंपनी ने इससे पहले श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस में अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी 2,300 करोड़ रुपए में बेची थी। इसी तरह जनवरी में कनाडियन पेंशन फंड ने 1,750 करोड़ रुपए का निवेश प्रफरेंशियल अलॉटमेंट के जरिए किया था। इसके अलावा राइट्स इश्यू में इसी फंड ने 3,650 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
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