जियो का प्रतिद्वंदी एयरटेल भी मैदान में उतरा, निवेशकों के आकर्षण से आनेवाले दिनों में मचेगा टेलीकॉम में नया वार

अरबपति मुकेश अंबानी के अपस्टार्ट भारतीय वायरलेस कैरियर के नंबर 1 स्थान पर काबिज होने के महीनों बाद, एक दूसराप्रतिद्वंदी भी ताल ठोंक कर खड़ा हुआ है। इसे निवेशकों का प्यार भी हासिल हो रहा है। सुनील मित्तल की भारती एयरटेल एक बार फिर चर्चा में है। Amazon.com इंक से $ 2 बिलियन डॉलर की चर्चा के बाद वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने इसके शेयर में तीन साल में दोगुना की वृद्धि की रेटिंग दे दी है।

10 महीने में 60 प्रतिशत का रिटर्न दिया एयरटेल के शेयर ने

जेफरीज की रिपोर्ट को अगर न भी मानें तो इसके शेयर ने अगस्त 2019 से लेकर अब तक 60 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को दिया है। फिलहाल यह 584 रुपए पर कारोबार कर रहा है। एक महीने में प्रति शेयर इसकी कीमत 60 रुपए तक बढ़ चुकी है। वैसे जिस टेलीकॉम को ब्रोकरेज हाउस डूब समझ बैठे थे, वही टेलीकॉम सेक्टर इस समय शेयर बाजार के निवेशकों को बेहतर रिटर्न देकर ललचा रहा है। एयरटेल की यह वापसी अंबानी की रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के साथ भीषण प्रतिस्पर्धा के बाद अरबपति सुनील मित्तल के लिए तेजी से लाया गया एक बदलाव है।

भारती एयरटेल ने पिछले वित्त वर्ष में घाटा पेश किया था

भारती लिमिटेड इस साल भारत के शेयरों के बेंचमार्क पर सबसे अच्छा परफ़ॉर्मर है। 26 प्रतिशत की छलांग लगाकर 19 मई को रिकॉर्ड स्तर तक पहुँचा।उम्मीद जगाई है कि बड़े-बड़े यूजर्स इसे पसंद करेंगे। मित्तल की कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड नुकसान पेश किया था। अदालत द्वारा 3 बिलियन डॉलर की फीस का भुगतान करने के आदेश ने ऑपरेटर को पूंजी जुटाने के लिए मजबूर कर दिया था।

वोडाफोन आइडिया में भी निवेश की संभावना

बता दें कि इसी सेक्टर का एक अन्य प्रतिद्वंद्वी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड--कर्ज के बोझ तले जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहा है। उसे भी हाल में निवेश मिलने की संभावना जगी है। उसका शेयर हाल के दिनों में 129 प्रतिशत बढ़ चुका है।विश्लेषकों के मुताबिक बाजार ने मान लिया कि भारती एयरटेल को रिलायंस जियो के हमले से उबरने में महीनों लग जाएंगे। जियो और पूर्व में नंबर 1 एयरटेल ने 2016 के बाद से भारत के टेलीकॉम बाजार पर लड़ाई लड़ी है। यह लड़ाई तब लड़ी जब अंबानी ने मुफ्त कॉल और सस्ते डेटा पैकेज की पेशकश करने वाली 4जी सेवा के साथ अपना रास्ता शुरू किया था।

भारती एयरटेल के डील से अमेजन को 30 करोड़ ग्राहक मिलेंगे

अंबानी ने जियो को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के केंद्र में रखा है। वह अपने समूह को ई-कॉमर्स, भुगतान और ऑनलाइन मनोरंजन में चलाने की उम्मीद करते हैं। भारती एयरटेल ने दिखाया है कि वह अपने पेमेंट्स, वीडियो ऑन डिमांड और ई-कॉमर्स डिवीजन के जरिए इसी टर्फ में मुकाबला करना चाहती है। रॉयटर्स ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका की ऑनलाइन रिटेल कंपनी अमेजन के साथ एयरटेल में संभावित 5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की बातचीत खत्म हो गई है। एक डील से अमेजन को भारतीय वायरलेस कैरियर के 30 करोड़ सब्सक्राइबर्स तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

शुक्रवार को जियो ने दो डील की

उधर दूसरी ओर शुक्रवार को रिलायंस ने जियो डिजिटल के लिए दो डील की। इसमें पहले की सिल्वरलेक के साथ अतिरिक्त राशि जुटाई तो अबू धाबी की मुबादला इन्वेस्टमेंट कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में करीब 1.2 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी। एयरटेल भी अदालत के फैसले से संबंधित शुल्क का भुगतान करने के लिए नकदी जुटा रहा है। क्योंकि यह पूरे भारत में 4जी कवरेज का विस्तार कर रहा है।

मित्तल कानेटवर्थ इस साल 1.6 अरब डॉलर बढ़ा

एयरटेल की पैरेंट भारती टेलीकॉम लिमिटेड ने पिछले महीने कहा था कि वह मई में अपने शेयर की कीमत में रिकॉर्ड ऊंचाई आने के बाद भारतीय मोबाइल कैरियर में हिस्सेदारी बेचकर करीब 1 अरब डॉलर जुटा रही है। जनवरी में एयरटेल ने शेयर और बांड्स बेचकर 3 अरब डॉलर जुटाए थे। ब्लूमबर्ग अरबपतियों के सूचकांक के अनुसार, एयरटेल के शेयरों में लाभ ने मित्तल को इस साल अपनी नेटवर्थ में 1.6 अरब डॉलर जोड़ने में मदद की। जबकि अंबानी की नेटवर्थ 1.1 बिलियन डॉलर कम हो गई।

2012 के बाद एयरटेल के रेवेन्यू में अच्छी बढ़त

एयरटेल ने सितंबर में समाप्त तिमाही में रिकॉर्ड घाटा पेश किया है। कारण कि उसने जियो में यूजर्स को पोर्ट होने से रोकने के लिए एक बार चार्ज लिया था। पिछले साल के अंत में, जियो ने कुछ शुल्क एडजस्ट की घोषणा की जिससे पता चला कि भारत के वायरलेस उद्योग में कीमत की लड़ाई समाप्त होने लगी है।एयरटेल का रेवेन्यू मार्च में समाप्त तिमाही में 15 प्रतिशत उछलकर 237 अरब रुपये हो गया जो 2012 के बाद की सबसे बड़ी छलांग है। साथ ही सितंबर 2016 में जियो की सेवाएं शुरू करने के बाद से सबसे अधिक है।

विश्लेषकों के मुताबिक जियो नंबरों के मामले में आगे है। पर एयरटेल हाई-बैंडविड्थ के मामले में आगे है। इसलिए इसके पास उच्च मूल्य वाले ग्राहक हैं। यहां हमेशा दो ऑपरेटरों के लिए जगह बनी रहेगी।



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कुछ समय तक संकट से जूझ रही टेलीकॉम कंपनियां इस समय विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षण बन चुकी हैं


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