पैसों की जरूरत पड़ने पर ले सकते हैं बैंक की ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी का फायदा

सरकारी और निजी बैंक ओवरड्राफ्ट की फैसिलिटी देते हैं। ज्यादातर बैंक करंट अकाउंट, सैलरी अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर यह सुविधा देते हैं। कुछ बैंक शेयर, बॉन्ड और बीमा पॉलिसी जैसे एसेट के बदले भी ओवरड्राफ्ट की सुविधा देते हैं। इस फैसिलिटी के तहत बैंक से आप अपनी जरूरत का पैसा ले सकते हैं और बाद में यह पैसा चुका सकते हैं।


कैसे ले सकते हैं इस सुविधा का लाभ?
ओवरड्राफ्ट की फैसिलिटी के लिए प्रोसेस बैंक से दूसरे लोन लेने के जैसा ही है। अगर आपका बैंक में सैलरी या करेंट अकाउंट है तो प्रक्रिया थोड़ी आसान हो जाती है। आजकल कई बैंक अपने अच्छे ग्राहकों को पहले से ही ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी का ऑफर देते हैं. ऐसा होने पर फिर लोन लेना बहुत आसान हो जाता है।


कितना पैसा ले सकते हैं?
यह लिमिट इस बात पर निर्भर करती है कि इस फैसिलिटी के लिए आपने बैंक में गिरवी क्या रखा है। इसके अलावा सैलरी और एफडी के मामले में बैंक लिमिट ज्यादा रखते हैं। उदाहरण के लिए अगर आपने बैंक में 1 लाख रुपए की एफडी की है तो ओवरड्राफ्ट के लिए बैंक 80 हजार रुपए दे सकता है। शेयर और डिबेंचर के मामले में लिमिट 40 से 70 फीसदी हो सकती है।


कितना देना होता है ब्याज?
आप बैंक से जितनी अवधि के लिए पैसा लेता है, उसी के हिसाब से आपको ब्याज देना पड़ता है। आपको महीने का ही ब्याज देना होता है। ब्याज दर इस पर भी निर्भर करती है कि ओवरड्राफ्ट की फैसिलिटी किस एसेट पर ली जा रही है। फिर भी इस पर 1 से 2 फीसदी तक ब्याज लगता है।



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