एजीआर के भुगतान के लिए सुप्रीम कोर्ट में संपत्तियों की गारंटी दे सकती हैं एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया

एजीआर भुगतान के लिए टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल सुप्रीम कोर्ट को संपत्तियों की गारंटी देने पर विचार कर रही हैं। इन संपत्तियों में स्पेक्ट्रम, वास्तविक एसेट्स और टैक्स रिफंड शामिल हैं। एक सीनियर एक्जीक्यूटिव के हवाले से ईटी की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों से पांच दिन में मांगा प्लान

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को एजीआर भुगतान मामले में सुनवाई हुई थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को पांच दिन में भुगतान का रोडमैप दाखिल करने का आदेश दिया था। साथ ही कोर्ट नेभविष्य में भुगतान की सुरक्षा के लिए कंपनियों से गारंटी भी देने को कहा था। एक्जीक्यूटिव के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों के पास 20 साल में भुगतान करने की एवज में गारंटी देने के लिए काफी संपत्तियां हैं।

भारती एयरटेल ने भुगतान के लिए जुटाए 3 बिलियन डॉलर

एजीआर भुगतान के लिए भारती एयरटेल ने हाल ही में राइट्स इश्यू और कन्वर्टेबल डिबेंचर के जरिए 3 बिलियन डॉलर की राशि जुटाई है। एसबीआईकैप सिक्युरिटीज का अनुमान है कि बकाया एजीआर के भुगतान के लिए एयरटेलबेहतर स्थिति में है। सिक्युरिटीज का कहना है कि कंपनी भविष्य में एजीआर भुगतान के लिए बैंक गारंटी या अन्य संभावित समाधान पेश कर सकती है। इससे कंपनी को निवेश, बाजार हिस्सेदारी और अन्य रेगुलेटरी बकाया के भुगतान में मदद मिलेगी।

वोडाफोन-आइडिया बोली-उसके पास भुगतान के लिए पैसा नहीं

उधर, कर्ज के संकट से जूझ रही वोडाफोन-आइडिया ने कहा है कि उसके पास इस समय सरकार को भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं। कंपनी ने कोई भी बैंक गारंटी देने में भी असमर्थता जताई है। एसबीआईकैप सिक्युरिटीज का अनुमान है कि वोडाफोन-आइडिया की वास्तविक एसेट्स 40 हजार करोड़ रुपए की है। कंपनी के स्पेक्ट्रम होल्डिंग की वैल्यू 1.2 लाख करोड़ रुपए है। इसके अलावा कंपनी के पास 8 हजार करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट और 12 हजार करोड़ रुपए का इनकम टैक्स रिफंड उपलब्ध है जो उसे सरकार से मिलना है।कंपनी पर कुल 1.1 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध कर्ज है। वहीं, 11.7 बिलियन डॉलर की स्पेक्ट्रम देनदारी है।

मुश्किल हो सकता है सुप्रीम कोर्ट को यकीन दिलाना

एनालिसिस मैसन के मैनेजिंग पार्टनर रोहन धमीजा का कहना है कि वोडाफोन-आइडिया के पास उपयुक्त वैल्यू के प्लांट और उपकरण नहीं हैं। ऐसे में कपनी को सुप्रीम कोर्ट को भविष्य में भुगतान की गारंटी का यकीन दिलाने में मुश्किल हो सकती है। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के अनुसार, कंपनी डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम से बकाया को लेकर स्पष्टीकरण मांग सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत वोडाफोन-आइडिया 20 साल में भुगतान का रोडमैप पेश कर सकती है। दरअसल, 13 मार्च को कैबिनेट ने कंपनियों के हित में 8 फीसदी की ब्याज दर के साथ 20 साल में भुगतान करने का फैसला किया था।

वोडाफोन ने 6854 और भारती एयरटेल ने 13,004 करोड़ का भुगतान किया

वोडाफोन-आइडिया एजीआर के रूप में 6854 करोड़ रुपए का भुगतान डीओटी को कर चुकी है। कंपनी का आंकलन है कि उसे 21,533 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। डीओटी की ओर से हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अनुमान के मुताबिक वोडाफोन-आइडिया को 58,254 करोड़ रुपए के कुल एजीआर का भुगतान करना है। इसी प्रकार से भारती एयरटेल का कहना है कि वह पूरा बकाया 13,004 करोड़ और अतिरिक्त 5 हजार करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है। वहीं डीओटी का कहना है कि एयरटेल को कुल 43,980 करोड़ रुपए का भुगतान करना है।



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डीओटी का अनुमान है कि वोडाफोन-आइडिया को 21,533 और भारती एयरटेल को 53,980 करोड़ रुपए के कुल एजीआर का भुगतान करना है।


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