कोरोनावायरस ने सुपर पावर अमेरिका को दिया बड़ा झटका, अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में 32.9% की गिरावट

अर्थव्यवस्था के मामले में सुपर पावर के नाम से मशहूर अमेरिका को कोरोनावायरस ने तगड़ा झटका दिया है। अप्रैल-जून तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 32.9 फीसदी की गिरावट रही है। यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। अमेरिकी सरकार की ओर से गुरुवार को एक बयान में कहा गया कि कोरोनावायरस के कारण कारोबार बंद हो गए हैं। इस कारण लाखों लोगों को नौकरी से वंचित होना पड़ा है। इससे बेरोजगारी दर बढ़कर 14.7 फीसदी तक पहुंच गई है।

1958 के बाद सबसे बड़ी आर्थिक गिरावट

अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय का अनुमान है कि 1947 की रिकॉर्ड डेट के बाद जीडीपी और गुड्स एंड सर्विसेज आउटपुट में यह दूसरी सबसे बड़ी तिमाही गिरावट है। इससे पहले 1958 में 10 फीसदी की तिमाही गिरावट दर्ज की गई थी। तब अमेरिका के राष्ट्रपति ड्वाइट डेविड आइजनहावर थे। जनवरी-मार्च तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी की तिमाही गिरावट रही थी। यह वो समय था जब अर्थव्यवस्था कोरोनावायरस के कारण पैदा की गई आर्थिक मंदी में प्रवेश कर रही थी। इस गिरावट के साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था के 11 साल की ग्रोथ का अंत हो गया है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में ग्रोथ का यह सबसे लंबा समय रहा है।

उपभोक्ता खर्च घटने से गिरी अर्थव्यवस्था

वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, उपभोक्ता खर्च घटने के कारण अर्थव्यवस्था में यह बड़ी गिरावट रही है। अमेरिका की आर्थिक गतिविधियों में उपभोक्ता खर्च की भागीदारी करीब 70 फीसदी है। उपभोक्ता खर्च में वार्षिक आधार पर 34.6 फीसदी की गिरावट रही है। कोरोना के कारण ट्रैवल इंडस्ट्री पूरी तरह से ठप हो गई है। इससे लाखों रेस्टोरेंट, बार, एंटरटेनमेंट वेन्यू और अन्य रिटेल संस्थानों बंद होने के लिए मजबूर हो रहे हैं। कैपिटल इकोनॉमिक्स के सीनियर अमेरिकी इकोनॉमिस्ट एंड्रयू हंटर का कहना है कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व धक्का लगा है। हंटर का मानना है कि इस नुकसान को रिकवर करने में कई वर्षों का समय लगेगा।

जुलाई-सितंबर तिमाही में भी गिरावट की आशंका

अर्थव्यवस्था में गिरावट के बावजूद कई एनालिस्ट ने मौजूदा जुलाई-सितंबर तिमाही में वापसी की उम्मीद जताई है। एनालिस्टों का मानना है कि इस तिमाही में वार्षिक आधार पर 17 फीसदी की तेजी रह सकती है। लेकिन अमेरिका के अधिकांश राज्यों में कोरोनावायरस के केस बढ़ने से कारोबारों को दोबारा से बंद होने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसके अलावा रिपब्लिकन सीनेट ने बेरोजगारों को सरकारी सहायता देने का प्रस्ताव रखा है। इस कारण जुलाई-सितंबर तिमाही में भी गिरावट रह सकती है।

कारोबारी निवेश खर्च में भी 27 फीसदी की गिरावट

उपभोक्ता खर्च के अलावा अप्रैल-जून तिमाही में कारोबारी निवेश और आवासीय हाउसिंग खर्च में भी गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछली तिमाही में निवेश खर्च में 27 फीसदी और आवासीय हाउसिंग खर्च में 38.7 फीसदी की गिरावट रही है। इसके अलावा टैक्स रेवेन्यू गिरने से राज्य और स्थानीय सरकारों के खर्च में वार्षिक आधार पर 5.6 फीसदी की कमी आई है। हालांकि, ओवरऑल सरकारी खर्च में 2.7 फीसदी की तेजी आई है। इसके लिए फेडरल खर्च में 17.4 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। अमेरिकी सरकार ने कोरोनावायरस के नकारात्मक आर्थिक प्रभावों से निपटने के लिए 2 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च किए हैं। इसमें छोटे कारोबारियों और बेरोजगारों को दी जाने वाली 1200 डॉलर प्रति व्यक्ति की सहायता भी शामिल है।

कोरोना के कारण जॉब मार्केट धाराशायी

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जॉब मार्केट एक मजबूत स्तंभ है लेकिन कोरोनावायरस ने जॉब मार्केट को पूरी तरह से धाराशायी कर दिया है। पिछले 19 सप्ताह में 10 लाख से ज्यादा लोगों ने बेरोजगारी लाभ लेने के लिए आवेदन किया है। अब तक कुल जॉब लॉस में से एक तिहाई की रिकवरी हुई है। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों से जॉब मार्केट में रिकवरी की दर धीमी रह सकती है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कारोबारों को खोलने के लिए दबाव बना रहे हैं। कई इकोनॉमिस्ट का कहना है कि जब तक महामारी को हराया नहीं जाता, तब तक अर्थव्यवस्था पूरी तरह से रिकवरी नहीं कर पाएगी।



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कई इकोनॉमिस्ट का कहना है कि जब तक महामारी को हराया नहीं जाता, तब तक अर्थव्यवस्था पूरी तरह से रिकवरी नहीं कर पाएगी।


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