ब्रिटेश एयरवेज ने 'क्वीन ऑफ द स्काई' कहे जाने वाले बोइंग 747 को किया रिटायर, पैसेंजर की कमी और मेंटेनेंस का ज्यादा खर्च बना फैसले की वजह
कोविड-19 महामारी का असर देश और दुनिया के कई बिजनेस और कंपनियों पर हो रहा है। जिसके चलते इन्हें सरेंडर करना पड़ रहा है। ब्रिटेश एयरवेज पर भी कोरोनावायरस का असर हुआ है। ऐसे में अब उसने बोइंग 747 हवाई जहाज के पूरे बेड़े को रिटायर करने का फैसला किया है। कंपनी का कहना है कि पैसेंजर्स की संख्या में कमी और इसके ऑपरेशन में होने वाले खर्च की वजह से ये फैसला लिया गया है।
कोरोनोवायरस की वजह से बोइंग 747 के रिटारयमेंट की तारीख नजदीक आ गई। मौजूद संकट से पहले भी 4 इंजन वाला बोइंग 747 न्यू जनरेशन के ट्विट-इंजन A350 और बोइंग 787 ड्रीमलाइनर से कॉम्पटिशन के चलते संघर्ष कर रहा था, क्योंकि न्यू जनरेशन के हवाई जहाज ज्यादा किफायती साबित हुए हैं। एयर फ्रांस, डेल्टा और यूनाइटेड सहित कई एयरलाइंस पहले ही बोइंग 747 को बाहर का रास्ता दिखा चुकी हैं।
वेबसाइट planespotters.net के अनुसार, कार्गो विमानों के बीच 747 की मांग अभी भी सबसे ज्यादा है और एटलस एयर के पास सबसे ज्यादा 38 बोइंग 747 का बेड़ा है।

बोइंग 747 दुनिया का पहला जंबो जेट भी है, जिसे 'क्वीन ऑफ द स्काईज' भी कहा जाता है। ये 50 साल पहले एयरवेज के बेड़े में शामिल किए गए थे। उन दिनों पैसेंजर्स के लिए किसी रोमांच से कम नहीं था। अमेरिकन कैरियर द्वारा बोइंग 747 की आखिरी कमर्शियल उड़ान 2017 के आखिर में हुई थी।
कोविड के चलते एयरक्राफ्ट की डिलीवरी पर असर
इस साल अपनी समस्याओं के साथ बोइंग अकेला नहीं है, क्योंकि कोविड-19 महामारी ने पूरी एविएशन इंडस्ट्री को चोट पहुंचाई है। हवाई यात्रा पर प्रतिबंध के चलते कई फ्लाइट हफ्तों तक रद्द रहीं, ऐसे में कई एयरलाइंस ने नए हवाई जहाज के ऑर्डर कैंसल कर दिए। कोरोनावायरस के प्रकोप का सामना बोइंग और एयरबस दोनों का करना पड़ा है। एयरबस ने 2020 के पहले छह महीनों में 196 हवाई जहाज की डिलीवरी की, जो पिछले साल कुल 863 डिलीवरी से बहुत कम होने की उम्मीद है।

ऑल-टाइम का सबसे अधिक उत्पादित एयरक्राफ्ट
सेसना 172 दुनिया का सबसे ज्यादा उत्पादन किया जाने वाला एयरक्राफ्ट है। 1950 के मध्य से अब तक इस एयरक्राफ्ट की 44,000 यूनिट तैयार की गई हैं। सेसना 172 ने कोल्ड वार के दौरान अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं थी। तब से इसका उत्पादिन किया जा रहा है।

कार्गो के लिए दुनिया का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा
कोविड-19 महामारी ने दुनियाभर में पैसेंजर्स फ्लाइट पर भले ही ब्रेक लगा दिए हों, लेकिन कार्गो से माल ढुलाई अभी भी जारी है। कार्गो काउंसिल इंटरनेशनल ने कार्गो ट्रैफिक के लिए दुनिया के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों की एक लिस्ट जारी की है, जिससे पता चलता है कि पांच सबसे व्यस्त केंद्रों ने 2019 में 18.32 मिलियन मीट्रिक टन का संचालन किया।

हांगकांग पिछले साल 4.80 मिलियन मीट्रिक टन लोड और अनलोड के साथ कार्गो मूवमेंट के लिए सबसे व्यस्त हवाई अड्डा था। इसके बाद 4.32 मिलियन टन के साथ मेम्फिस दूसरे स्थान पर रहा, जबकि शंघाई 3.63 मिलियन मीट्रिक टन के साथ तीसरे नंबर पर रहा।
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