डेयरी बाजार के बदले जेनेरिक दवाओं में तरजीही चाहता है भारत, राष्ट्रपति चुनावों से पहले हो सकती है घोषणा

अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही है। दोनों पक्ष इस डील में अपना-अपना फायदा देख रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक,भारत जेनेरिक दवाओं के निर्यात के लिए अमेरिका से छूट की मांग कर रहा है। इसके बदले में भारत अपने डेयरी बाजार को अमेरिका के लिए खोलेगा और फॉर्म प्रोडक्ट पर टैरिफ में कटौती की जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि इस डील की घोषणा अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों से पहले हो सकती है। तीन सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

अमेरिका के दवा बाजार में भारत की बड़ी हिस्सेदारी

अमेरिका के कुल जेनेरिक दवा आयात में भारत की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है। इसमें मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन भी शामिल है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना से जंग में इस दवा के इस्तेमाल को टाल चुके हैं। फार्मास्यूटिकल्स निर्यात में तरजीही डील के लिए नरेंद्र मोदी सरकार अमेरिका के लिए अपने डेयरी और फॉर्म बाजार को खोलने का भरोसा दे रही है। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब कुछ महीने बाद ही अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव होना है। एक सूत्र का कहना है कि अमेरिकी चुनाव की मजबूरी जानते हैं जिससे उनको ही फायदा मिलने वाला है।

भारत में डेयरी उत्पादों की सबसे ज्यादा खपत

भारत पूरी दुनिया में डेयरी उत्पादों की सबसे ज्यादा खपत वाला देश है। दो सूत्रों के मुताबिक, भारत अमेरिका के डेयरी उत्पादों को कोटा सिस्टम के आधार पर आयात की मंजूरी देना चाहता है। इसके तहत अमेरिका को एक ऐसा प्रमाण पत्र देना होगा कि उसके उत्पाद ऐसे पशुओं से बने हैं जो इंटरनल ऑर्गन, ब्लड मील नहीं खाते हैं। इससे भारत की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं। हालांकि, अभी इस संबंध में भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

कम से कम एक साल के लिए डील चाहते हैं दोनों देश

रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देश कम से कम एक साल के लिए ट्रेड डील को लेकर मोल-भाव कर रहे हैं। ताकि अमेरिका के जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रीफरेंस (जीएसपी) के तहत भारतीय निर्यात पर टैरिफ शून्य हो जाए। ट्रंप प्रशासन ने पिछले साल अमेरिकी उत्पादों को भारतीय बाजार में पर्याप्त स्थान नहीं मिलने के कारण भारत का जीएसपी दर्जा समाप्त कर दिया था।

जीएसपी से ज्यादा चाहता है भारत

एक सूत्र का कहना है कि भारत अमेरिका के साथ जीएसपी से ज्यादा महत्वाकांक्षी डील करना चाहता है। अमेरिकी डेयरी उत्पादकों को लुभाने के अलावा भारत ने बादाम, अखरोट और सेब पर टैरिफ दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। भारत अमेरिका के बादाम का दुनिया में सबसे बड़ा खरीदार है, जबकि अमेरिकी सेब का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है।

अमेरिका ने उठाया चीन पर निर्भरता का मुद्दा

भारत-अमेरिका स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम के प्रेसीडेंट और चीफ एक्जीक्यूटिव मुकेश आघी का कहना है कि जहां भारत दवा निर्यात में अमेरिका से तरजीह चाहता है। वहीं, अमेरिका ने भारतीय आयात के चीन पर निर्भर रहने का मुद्दा उठाया है। भारत जैनेरिक दवा का 70 फीसदी से ज्यादाकच्चा माल चीन से आयात करता है। आघी के मुताबिक, अमेरिका ने कहा है कि यदि भारत उसके बाजार में प्रवेश चाहता है तो पहले उसे चीन पर निर्भर रहने के बजाए आत्मनिर्भर बनना होगा।



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अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही है।


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