टमाटर के बाद अब आलू हुआ महंगा, हरी सब्जियों के दाम में भी इजाफा, जानिए जुलाई में कितनी बढ़ी महंगाई
नई दिल्ली। टमाटर ( Tomatoes Price ) के बाद अब आलू ( Potatoes Price ) भी महंगा हो गया है और हरी सब्जियां ( Green Vegetables Price Hike ) पहले से ही उंचे दाम पर बिक रही हैं, जिससे कोरोना महामारी ( Coronavirus Pandemic ) के मौजूदा दौर में मिल रही आर्थिक चुनौतियों के बीच आम लोगों के लिए खाने-पीने की चीजें जुटाना मुश्किल हो रहा है। आलू के थोक दाम ( Potatoes Wholesale Prices ) में इस महीने चार रुपए प्रति किलो जबकि खुदरा दाम ( Potatoes Retail Prices ) में 10 रुपए प्रति किलो तक का इजाफा हो गया है। खुदरा बाजार में टमाटर पहले से ही 70-80 रुपए किलो बिक रहा है। घिया, तोरई, भिंडी समेत तमाम हरी सब्जियां महंगी हो गई हैं।
सब्जी विक्रेता से लेकर उपभोक्ता तक सब परेशान
सब्जी विक्रेताओं की मानें तो थोक मंडी से ही महंगे भाव पर सब्जियां आ रही हैं, इसलिए उनको उंचे दाम पर बेचना पड़ रहा है। दाम बढऩे के बाद आम लोगों की ओर से हरी सब्जियां की ओर रुख कम हुआ है। जिसकी वजह से सब्जियां खराब हो रही है और उन्हें भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। दिल्ली के अशोक विहार निवासी आलोक शर्मा का कहना है कि कोरोना काल में काम-काज नहीं होने से लोगों की आमदनी पहले से ही घट गई है, वहां अब सब्जियों के भी दाम बढ़ जाने से रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना भी मुश्किल हो गया है।
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इन वजहों से बढ़ रहे हैं दाम
सब्जियों की महंगाई की दो वजहें बताई जा रही हैं। पहली यह है डीजल की कीमत बढऩे से मालभाड़ा बढ़ गया है, जिससे सब्जियों की परिवहन लागत ज्यादा होने से दाम में इजाफा हुआ है। आलू और टमाटर की कीमतों में वृद्धि की यह एक बड़ी वजह है। वहीं, बरसात के कारण सब्जियां ज्यादा खराब होती है जिसका असर कीमतों पर पड़ता है। वहीं, नई फसल अभी तैयार नहीं हुई जबकि पुरानी फसल से सब्जियों की पैदावार कम होने लगी है, जिससे आवक पर भी असर पड़ा है। वहीं बरसात के सीजन में पुरानी फसल से सब्जियों की पैदावार कम होने लगी है। उन्होंने कहा कि बैगन, लोबिया, कद्दू, घिया, तोरई, भिंडी की कुछ दिन पहले जितनी पैदावार होती थी उतनी अब नहीं है।
तीन हफ्तों में आलू के दाम में कितना इजाफा
दिल्ली की आजादपुर मंडी में गुरुवार को आलू का थोक भाव आठ रुपए 28 रुपए प्रति किलो था जबकि एक जुलाई को मंडी में आलू का भाव आठ से 22 रुपए प्रति किलो था। प्याज का थोक भाव भी एक जुलाई को जहां 4.50 रुपए-12.50 रुपए प्रति किलो था वहां गुरुवार को बढ़कर छह रुपए से 13.50 रुपए प्रति किलो हो गया। चैंबर ऑफ आजादपुर फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट एम. आर. कृपलानी बताते हैं कि डीजल की कीमतों में वृद्धि होने से सब्जियों और फलों के परिवहन की लागत बढ़ गई है जिसका असर कीमतों में देखा जा रहा है।
दिल्ली-एनसीआर में सब्जियों के खुदरा दाम
| सब्जियां | सब्जियां के दाम (रुपए प्रति किलो में) |
| आलू | 30 से 35 |
| गोभी | 80 |
| टमाटर | 70-80 |
| प्याज | 20-30 |
| घिया | 30 |
| भिंडी | 30-40 |
| खीरा | 40-50 |
| कद्दू | 30 |
| बैगन | 40 |
| शिमला मिर्च | 80 |
| तोरई | 30-40 |
| परवल | 70 |
| करेला | 40-50 |
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