सोने की अभी और बढ़ सकती है चमक, मुनाफा कमाने के लिए गोल्ड में इन 4 तरीकों से कर सकते हैं निवेश

सोने में निवेशकों का भरोसा बना हुआ है सोने का भाव प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गई है। लोग सोने में खूब निवेश कर रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी गोल्ड खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे पहले आपका ये समझना बहुत जरूरी है कि आप सोना क्यों खरीदना चाहते हैं।आप इसे निवेश के लिए खरीदना चाहते हैं या इसे शादी में देने के लिए लेना चाहते हैं। क्योंकि सोने में 4 तरह से निवेश किया जा सकता है। आप अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें निवेश करके फायदा कमा सकते हैं।


आप 4 तरह से गोल्ड खरीद सकते हैं


फिजिकल गोल्ड
आप इसे आभूषण या सोने के बिस्कुट और ज्वैलर्स के सिक्कों के रूप में खरीद सकते हैं। ज्वैलर्स के अलावा, आप कुछ खास बैंकों से भी सोने के सिक्के खरीद सकते हैं। कई ज्वैलर्स आपको ऑनलाइन सोना खरीदने की भी सुविधा देते है। ये सोना आपके घर पहुंचा दिया जाता है। इस तरह का सोना खरीदने पर सबसे ज्यादा परेशानी इसे सुरक्षित रखने की होती है। क्योंकि इसके चोरी होने या गुम होने का डर रहता है।


गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETF)
सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा को गोल्ड ईटीएफ कहते हैं। यह म्यूचुअल फंड की स्कीम है। ये एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड हैं जिन्हें स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जा सकता है। चूंकि गोल्ड ईटीएफ का बेंचमार्क स्पॉट गोल्ड की कीमतें है, आप इसे सोने की वास्तविक कीमत के करीब खरीद सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ खरीदने के लिए आपके पास एक ट्रेडिंग डीमैट खाता होना चाहिए। इसमें सोने की खरीद यूनिट में की जाती है। इसे बेचने पर आपको सोना नहीं बल्कि उस समय के बाजार मूल्य के बराबर राशि मिलती है।

यह सोने में निवेश के सबसे सस्ते विकल्पों में से एक है। इन्हें शेयरों की तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कैश मार्केट में खरीदा-बेचा जा सकता है। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट एक ग्राम सोने के बराबर होती है। लेकिन गोल्ड ETF में कोई अपर लिमिट नहीं है। गोल्ड ETF में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है। इसमें 3 साल का होल्डिंग पीरियड पूरा करने के बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनीफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स लगता है। वहीं 3 साल से पहले बेचने पर एप्लीकेबल स्लैब रेट से टैक्स लगता है।


सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
ये बॉन्ड भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा भारत सरकार की ओर से जारी किए जाते हैं और स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड किए जाते हैं। आप एक ग्राम भी सोना खरीद सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बांड एक सरकारी बांड होता है। इसे डीमैट रूप में परिवर्तित कराया जा सकता है। इसका मूल्य रुपए या डॉलर में नहीं होता है, बल्कि सोने के वजन में होता है। यदि बांड पांच ग्राम सोने का है, तो पांच ग्राम सोने की जितनी कीमत होगी, उतनी ही बांड की कीमत होगी। इसे खरीदने के लिए सेबी के अधिकृत ब्रोकर को इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है। बांड को भुनाते वक्त पैसा निवेशक के खाते में जमा हो जाता है। यह बांड भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सरकार की ओर से जारी करता है।


गोल्ड SIP
म्यूचुअल फंड की तरह गोल्ड में भी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू की जा सकती है। इससे 500 रुपए की रकम से भी सोने में लंबे समय के लिए निवेश किया जा सकता है। SIP की रकम खुदबखुद बैंक खाते से कट जाती है। गोल्ड SIP में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती है। इसमें कई कंपनियों ने गोल्ड फंड ऑफ फंड्स जारी करती हैं, जिनमें आप SIP के जरिए भी निवेश कर सकते हैं। किसी भी फंड हाउस के जरिए आप गोल्ड SIP में निवेश कर सकते हैं।

सोने ने एक साल में दिया 38 फीसदी का रिटर्न
पिछले एक साल में ही सोने की कीमतों में करीब 42 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है। अगस्त 2019 को सोने की कीमत 38 हजार 950 रुपए थी जो अब 54 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई है। इस हिसाब से सिर्फ एक साल में ही सोने ने 38 फीसदी का रिटर्न दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोरोना लम्बे समय तक चलता है और इसके कारण बाजार में अनिश्चितता बनी रहती है तो इसकी कीमत और बढ़ेगी।



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अगस्त 2019 को सोने की कीमत 38 हजार 950 रुपए थी जो अब 54 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई है


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