चीन ने भारत के फाइबर ऑप्टिक उत्पादों पर 5 साल के लिए बढ़ाया एंटी डंपिंग टैरिफ, 14 अगस्त से लागू होगी नई दर

लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद भारत ने चीनी कंपनियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके बाद से लगातार चीनी कंपनियां भारत से अपना बोरिया-बिस्तर समेटने लग गई हैं। अब खबर आ रही है कि चीन ने भी भारतीय उत्पादों पर प्रतिकूल कार्रवाई शुरू कर दी है। चीन ने भारत में निर्मित फाइबर ऑप्टिक उत्पादों पर एंटी डंपिंग टैरिफ को फिर से पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।

अगस्त 2019 में खत्म हुआ था पुराना टैरिफ

वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, सिंगल मोड ऑप्टिकल फाइबर उत्पादों पर लगाया गया यह दंडात्मक टैरिफ 14 अगस्त 2020 से लागू होगा। नई टैरिफ दरें भारतीय मेन्यूफेक्चरर के मुताबिक, 7.4% से 30.6% के मध्य रहेंगी। चीन ने भारत के फाइबर ऑप्टिक उत्पादों पर पांच साल के लिए एंटी डंपिंग टैरिफ लगाया था, जिसकी अवधि मध्य अगस्त 2019 तक थी। इसके बाद चीन ने एंटी डंपिंग टैरिफ की समीक्षा की है।

चीन की कंपनियों पर भारत में कारोबार पर प्रतिबंध

सीमा विवाद के बाद भारत ने चीन पर शिकंजा कसने के लिए कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए हैं। इसमें चीन की कंपनियों के भारत में कामकाज पर रोक भी शामिल है। बीएसएनएल, भारतीय रेलवे समेत कई सरकारी कंपनियों ने कई चीनी कंपनियों के साथ समझौतों को रद्द कर दिया है। सरकार ने कहा है कि भारत के इंफ्रा प्रोजेक्ट में शामिल होने के लिए अब चीनी कंपनियों को पहले गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी।

चीन के 106 ऐप पर लगाया प्रतिबंध

लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद से सरकार चीन को लेकर काफी सख्त दिख रही है। केंद्र सरकार ने सबसे पहले चीन के 59 ऐप पर बैन लगाया था। जिन ऐप पर यह बैन लगाया गया था, उनमें शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक, वी-चैट, यूसी ब्राउजर, यूसी न्यूज जैसे ऐप भी शामिल थे। इन सभी ऐप को राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ गतिविधियों के आरोप में बैन किया गया था। हाल में सरकार ने इनके 47 क्लोन ऐप पर भी प्रतिबंध लगाया है। इस प्रकार भारत सरकार अब तक चीन से जुड़े 106 ऐप पर प्रतिबंध लगा चुकी है।



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भारत सरकार अब तक चीन से जुड़े 106 ऐप पर प्रतिबंध लगा चुकी है।


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