टैक्स सेविंग और बेहतर रिटर्न के लिए ELSS और पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट सहित इन 3 स्कीम्स में कर सकते हैं निवेश

अगर आप कहीं निवेश करने का प्लान बना रहे हैं लेकिन इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि पैसा कहा लगाए जाएं तो यहां ऐसी कई स्कीम हैं जिनमें निवेश करके आप आपके वित्तीय लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं। इनमें PPF, ELSS और पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट स्कीम शामिल हैं। हम आपको इन स्कीमों के बारे में बता रहे हैं ताकि आप अपनी जरूरत के हिसाब से इनमें निवेश कर सकें।


PPF

  • इस स्कीम को बैंक या पोस्ट ऑफिस में कहीं भी खोला जा सकता है। इसके अलावा इसे किसी भी बैंक में या किसी भी पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर भी किया जा सकता है।
  • इसे खोला तो केवल 100 रुपए से जा सकता है, लेकिन फिर बाद में हर साल 500 रुपए एक बार में जमा करना जरूरी है। इस अकाउंट में हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपए ही जमा किए जा सकते हैं।
  • यह स्कीम 15 साल के लिए है, जिससे बीच में नहीं निकला जा सकता है। लेकिन इसे 15 साल के बाद 5-5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
  • इसे 15 साल के पहले बंद नहीं किया जा सकता है, लेकिन 3 साल बाद से इस अकाउंट के बदले लोन लिया जा सकता है। अगर कोई चाहे तो इस अकाउंट से 7वें साल से नियमों के तहत पैसा निकाल सकता है।
  • ब्याज दरों की समीक्षा हर तीन माह में सरकार करती है। यह ब्याज दरें कम या ज्यादा हो सकती है। फिलहाल इस अकाउंट पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है।


ELSS

  • देश में 42 म्युचुअल फंड कंपनियां टैक्स सेविंग स्कीम चलाती हैं। हर कंपनी के पास इनकम टैक्स बचाने के लिए ELSS है। इसे ऑनलाइन घर बैठे-बैठे या किसी एजेंट के माध्यम से खरीदा जा सकता है।
  • इसमें अगर इनकम टैक्स बचाने के लिए एक बार में निवेश करना है तो आम तौर पर न्यूनतम 5 हजार रुपए और अगर हर माह निवेश करना है तो आमतौर पर न्यूनतम 500 रुपये महीने का निवेश शुरू किया जा सकता है। हालांकि इसमें 1.5 लाख रुपए की अधिकतम टैक्स छूट ली जा सकती है, लेकिन अधिकतम निवेश की इसमें कोई सीमा नहीं है।
  • इस इनकम टैक्स बचाने वाली स्कीम में निवेश 3 साल के लिए लॉकइन रहता है। इसके बाद निवेशक चाहे तो यह पैसा निकाल सकता है। तीन साल के बाद चाहें तो पूरा निकाल लें या जितनी जरूरत हो उतना पैसा निकाल ले और बाकी पैसा इस ELSS में जब तक चाहे बना रहने दें।
  • ELSS केवल 3 साल के लिए लॉकइन होती है, लेकिन अगर निवेशक इसमें डिविडेंट पेआउट का आप्शन लेता है तो उन्हें बीच-बीच में पैसा मिलता रहेगा। हालांकि इनकम टैक्स बचाने वाली ELSS स्कीम से बीच में पैसा निकाला नहीं जा सकता है।
  • इसमें निवेश पर ब्याज दर की जगह मार्केट लिंक रिटर्न मिलता है। बीते 10 साल में ईएलएसएस म्‍यूचुअल फंड कैटेगरी ने करीब 8.46 फीसदी का रिटर्न दिया है।


टाइम डिपॉजिट स्कीम

  • पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट कैश या चेक के माध्यम से कोई भी व्यक्ति खुलवा सकता है।
  • इंडिया पोस्ट के मुताबिक, चेक के मामले में सरकार के खाते में चेक की रकम आने की तारीख से ही अकाउंट खुला हुआ माना जाएगा।
  • इस खाते को किसी नाबालिग के नाम पर और दो वयस्कों के नाम पर संयुक्त खाता भी खोला जा सकता है।
  • पोस्ट ऑफिस एफडी खाता खुलवाने के लिए न्यूनतम 1000 रुपए जमा करने होते हैं। इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं है।
  • पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट अकाउंट 1 से 5 साल तक की अवधि के लिए 5.5 से 6.7 फीसदी तक ब्याज दर की पेशकश करता है।
  • 1 से 3 साल के डिपॉजिट कर 5.5 फीसदी वहीं 5 साल के लिए निवेश करने पर 6.7 फीसदी सालाना ब्याज दिया जाएगा।
  • 5 साल के निवेश पर आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स की छूट ली जा सकती है।
  • इस स्कीम के तहत सालाना आधार पर ब्याज दिया जाता है, लेकिन इसकी गणना तिमाही आधार पर की जाती है।


कहां कर सकते हैं निवेश?
सभी जगह निवेश करके इनकम टैक्स बचाया जा सकता है। इसके अलावा हर स्कीम की अपनी खासियत और कमियां हैं। ऐसे में अगर आप थोड़ा सा रिस्क लेना चाहते हैं तो आपके लिए ELSS बेहतर विकल्प है। इसमें पैसा एसआईपी (SIP) के माध्यम से लगाना चाहिए, जिसमें हर महीने निवेश किया जाता है। वहीं अगर आप मार्केट रिस्क से दूर रहना चाहते हैं तो PPF या टाइम डिपॉजिट स्कीम में निवेश करना सही रहेगा।



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पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम में अधिकतम 6.7 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है


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