टाटा संस के 2% शेयर गिरवी रखना चाहता है शापूरजी पालनजी ग्रुप, इसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाने को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे टाटा संस और शापूरजी पालनजी ग्रुप एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। इस बार मामला शापूरजी ग्रुप की ओर से टाटा संस के शेयरों को गिरवी रखने का है। शापूरजी ग्रुप के इस कदम पर रोक लगाने के लिए टाटा संस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

11 हजार करोड़ रुपए जुटाना चाहता है शापूरजी ग्रुप

रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ा शापूरजी पालनजी ग्रुप इस समय नकदी संकट का सामना कर रहा है। इसको देखते हुए ग्रुप ने टाटा संस के 2 फीसदी शेयरों को गिरवी रखकर 11 हजार करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई है। शापूरजी ग्रुप ने पहली किस्त में 3750 करोड़ रुपए जुटाने के लिए असेट मैनेजमेंट कंपनी ब्रुकफील्ड के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। जनवरी 2020 में एक अघोषित समझौते के बाद यह दूसरा मौका है जब शापूरजी ग्रुप ने टाटा संस के शेयरों को गिरवी रखने का प्रयास किया है।

शेयरों को गिरवी रखने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा टाटा संस

शापूरजी ग्रुप के इस कदम पर रोक लगाने के लिए टाटा संस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 5 सितंबर को शीर्ष कोर्ट में याचिका दाखिल कर टाटा संस ने शेयरों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गिरवी रखने पर रोक लगाने की मांग की है। टाटा संस का कहना है कि गिरवी रखे गए शेयर भविष्य में ट्रांसफर भी हो सकते हैं। साथ ही टाटा संस ने दलील दी है कि ग्रुप के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन के तहत यदि कोई सदस्य कंपनी के शेयर बेचना चाहता है तो उन शेयरों को उचित बाजार मूल्य पर खरीदने के संबंध में टाटा संस के बोर्ड को इनकार करने का अधिकार है।

शापूरजी ग्रुप की टाटा संस में 18.37 फीसदी हिस्सेदारी

शापूरजी पालनजी ग्रुप की टाटा संस में 18.37 फीसदी हिस्सेदारी है। यह हिस्सेदारी विभिन्न कंपनियों में निवेश के जरिए जुटाई गई है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के एक ऑर्डर के मुताबिक टाटा संस में शापूरजी ग्रुप की हिस्सेदारी की वैल्यू करीब 1 लाख करोड़ रुपए है। शापूरजी ग्रुप का संचालन टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस पालनजी मिस्त्री करते हैं। शापूरजी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा है कि टाटा ग्रुप के इस कदम से उनके ग्रुप को अपूर्णीय क्षति होगी। प्रवक्ता का कहना है कि शापूरजी ग्रुप कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और उसे फंड की आवश्यकता है।

दोनों ग्रुप में 2016 से चल रही है कानूनी लड़ाई

साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाने को लेकर दोनों ग्रुप दिसंबर 2016 से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। साइरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाया गया था। मौजूदा समय में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और अंतिम फैसले का इंतजार है। अब शापूरजी ग्रुप भी टाटा संस की याचिका को खारिज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है।



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टाटा ग्रुप ने अक्टूबर 2016 में साइरस पालजी मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था।


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