लोन रीस्ट्रकचरिंग को लेकर बैंकों और एनबीएफसी के साथ बैठक करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
नई दिल्ली। जहां एक ओर सुप्रीम कोर्ट में लोन मोराटोरियम और ब्याज पर ब्याज लेने के मामले को लेकर लगातार सुनवाई चल रही है, वहीं दूसरी ओर देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman ) बैंकों और एनबीएफसी के साथ लोन रीस्ट्रक्चरिंग ( Loan Restructuring ) की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आज यानी गुरुवार को बैठक करने जा रही है। आज की इस बैठक में लोन रीस्ट्रक्चरिंग के अलावा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की जाएगी। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आज इस बैठक में और किन किन मुद्दों पर चर्चा होगी।
लोन रीस्ट्रक्चरिंग पर होगी चर्चा
आज वित्त मंत्री देश के बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के साथ बैठक कर लोन रीस्ट्रक्चरिंग पर चर्चा करेंगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से बीते महीने कहा गया था कि वह कंपनियों और खुदरा कर्ज लिए हुए लोगों को कर्त में राहत देने के बिना एनपीए में डाले वन टाइम लोन रिस्ट्रक्चरिंग की मंजूरी देगा। जिसकी प्रक्रिया पर काम चल रहा है। आरबीआई ने 6 अगस्त को अधिसूचना जारी कर नियम और पात्रता मानदंड भी जारी किए थे।
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कर्जदारों की पहचान और मुद्दों पर चर्चा
फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से एक बयान में कहा गया था कि समीक्षा में इस बात पर भी ध्यान होगा कि किस तरह के व्यापारियों और लोगों को व्यवहार्यता के आधार पर पुनरुद्धार संबंधी व्यवस्था का सही ढंग से उपयोग करने में सक्षम बनाया जाए। वहीं समीक्षा बैठक में बैंक पॉलिसी को अंतिम रूप देने के साथ कर्जदारों की पहचान कर उन मुद्दों पर भी चर्चा होगी, जिन्हें जल्द से जल्द सुलझाना जरूरी है।
कौन ले सकता है लोन रीस्ट्रक्चरिंग का लाभ
लोन रीस्ट्रक्चरिंग का लाभ उन लोगों को ही मिल पाएगा जिनके कर्ज की ईएमआई एक मार्च तक सुचारू रूप से आ रही थी। वहीं अगर कोई भी है तो 30 दिन से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। वहीं आरबीआई द्वारा गठित केवी कामत समिति इस बारे में वित्तीय मानदंडों पर काम कर रही है। समिति की सिफारिशों को उसके गठन के 30 दिनों के भीतर अधिसूचित किया जाना है। इसका मतलब है कि अधिसूचना 6 सितंबर तक आने की संभावना है।
योजनाओं की भी होगी समीक्षा
वहीं दूसरी ओर समीक्षा बैठक में लोन रीस्ट्रक्चरिंग आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लागू की योजनाओं की भी समीक्षा की जाएगी। इस अभियान के तहत देश में 20.97 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की गई है। जो बैंकों के साथ जुड़ी हुई है। उनमें किस तरह की प्रगति देखने को मिल रही है। समय पर कितने लोगों को रुपया मिल रहा है उन तमाम बातों के बारे में चर्चा की जाएगी।
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