कोरोना संकट के समय अरबपतियों की संपत्ति में दिन दूना रात चौगुना इजाफा लेकिन गरीब और ज्यादा गरीब हुए, 15 करोड़ के अत्यधिक गरीब होने का अनुमान
कोरोना संकट के भी समय अरबपतियों की कमाई में तेज बढ़ोतरी हुई है। देश में टॉप 100 अमीरों की संपत्ति 1 साल पहले की तुलना 14 फीसदी बढ़ गई है। वैल्यू के हिसाब से देखें तो दौलत में करीब 51,750 करोड़ डॉलर यानी करीब 39 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है। अमेरिका के प्रोग्रेसिव थिंकटैंक द इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी स्टडीज की रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी के दौरान करीब 643 अरबपतियों की संपत्ति तीन गुना बढ़ी है। लेकिन इसी के साथ गरीबी को लेकर वर्ल्ड बैंक के रिपोर्ट की एक और कहानी है। रिपोर्ट के मुताबिक, काेरोना महामारी के कारण अगले साल तक दुनिया की 15 करोड़ से ज्यादा आबादी और ज्यादा गरीब हो जाएगी।
अरबपतियों को लेकर क्या कहती है रिपोर्ट ?
जर्मन कंपनी पीडब्ल्यूसी और स्विस बैंक यूबीएस की कंसल्टिंग फर्मों की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी के दौरान दुनिया भर के अरबपति पहले से भी ज्यादा अमीर हुए हैं। जुलाई 2020 में दुनिया के दो हजार से भी ज्यादा अरबपतियों की संपत्ति रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच कर 10 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा हो गई। 2017 में यह 9 ट्रिलियन डॉलर से भी कम थी। 2020 में महामारी के दौरान अरबपतियों की नेटवर्थ में तेज बढ़त देखने को मिली।
दूसरी तरफ गरीब और गरीब होते गए
हाल में जारी वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 तक कोरोना के कारण कम से कम 15 करोड़ लोग अत्यधिक गरीब की श्रेणी में चले जाएंगे। विश्व बैंक ने बुधवार को चेतावनी दी है कि 2021 तक कोरोना वायरस महामारी के कारण लगभग 15 करोड़ लोगों के अत्यधिक गरीबी की श्रेणी में जाने की संभावना है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान करीब 2.7 करोड़ लोग दुनियाभर में भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं। इतने लोगों के सालभर के भोजन के लिए 4.9 अरब डॉलर राशि चाहिए।
इसी तरह, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की स्टडी के मुताबिक, महामारी के चलते अब तक करीब 14.7 करोड़ लोग बेरोजगार हो चुके हैं। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी ने लगभग 3.7 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी में धकेल दिया है। पिछले कई दशकों के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में हुई प्रगति को पलटते हुए महामारी ने इस हद तक असर किया।
गरीबी बढ़ने की मुख्य वजह-
- कोरोना वायरस महामारी का संक्रमण
- दुनियाभर के देशों में लॉकडाउन
- कंपनियों का बंद होना
- छोटे-मोटे कारोबार पूरी तरह ठप
- पर्याप्त राहत पैकेज का ना मिलना
अमीरों की संपत्ति बढ़ने की बड़ी वजहें क्या रही?
यूबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टॉक मार्केट में शेयरों की वैल्यू बढ़ने के साथ -साथ टेक्नोलॉजी और हेल्थकेयर सेक्टर में अच्छी तेजी रही है। इस कारण, इन सेक्टर से जुड़ी कंपनियों की नेटवर्थ में बढ़त हुई। स्विस बैंक यूबीएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल से जुलाई तक जब कोरोना महामारी चरम पर थी, उस समय भी अरबपतियों की संपत्ति में करीब 27.5% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई।
यूबीएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि अरबपतियों को ज्यादा फायदा शेयर बाजारों की रिकवरी से हुआ है। मार्च के बाद से पूरी दुनिया में शेयर बाजारों में अच्छी खासी रिकवरी दिखी है। यूबीएस ने कहा कि अरबपतियों की संपत्तियां अब 10 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गई है। 2017 के अंत में यह 8.9 ट्रिलियन डॉलर थी। इसके साथ अरबपतियों की संख्या में भी बढ़त हुई है और यह 2,189 हो गई है जो 2,017 में 2,158 थी। इस स्टडी में इसकी सबसे बडी वजह स्टॉक मार्केट और दूसरी वजह तकनीक और स्वास्थ्य सुविधाओं में ज्यादा निवेश को बताया गया है।
कोरोना संकट के दौरान इन अरबपतियों की संपत्ति में इजाफा-
जेफ बेजोस :
दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन रिलेटर अमेजन और इसके संस्थापक जेफ बेजोस ने महामारी में सबसे ज्यादा कमाई की। प्रोग्रेसिव थिंकटैंक की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के शेयरों में 40% की वृद्धि हुई और बेजोस की संपत्ति 73.2 अरब डॉलर से बढ़कर 113 अरब डॉलर हो गई। लॉकडाउन में ऑनलाइन ग्रॉसरी से लेकर दूसरे सामानों की बिक्री बढ़ने से यह वृद्धि हुई।
एलन मस्क :
इलेक्ट्रिक कार व अन्य उपकरण बनाने वाली कंपनी टेस्ला के संस्थापक व सीईओ एलन मस्क की कमाई 273 फीसदी यानी 64.4 अरब डॉलर बढ़कर 92 अरब डॉलर हो गई। जबकि उनकी कंपनी ने महामारी के छह माह और उससे पहले के छह माह को मिलाकर साल भर में 800% की कमाई की है।
मुकेश अंबानी :
हुरुन इंडिया और आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड की रिपोर्ट की माने तो मुकेश अंबानी पिछले 6 महीने (मार्च से अगस्त) तक हर घंटे 90 करोड़ रुपए कमा रहे हैं। वह भी ऐसे समय में जब कोरोना की वजह से आर्थिक गतिविधियां ठप रही हैं। 31 अगस्त 2020 तक 1,000 करोड़ रुपए या उससे अधिक की संपत्ति वाले भारत के सबसे धनी लोग इस लिस्ट में शामिल होते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुकेश अंबानी की कुल आय 6,58,400 करोड़ रुपए है। पिछले 12 महीनों में उनकी कुल संपत्ति में 73% की बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि रिलायंस ग्रुप की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स और रिलायंस रिटेल में फेसबुक, गूगल, केकेआर, सिल्वर लेक जैसी दिग्गज कंपनियों ने निवेश किया गया है।
मार्क जकरबर्ग :
फेसबुक के संस्थापक जकरबर्ग सबसे ज्यादा कमाई करने वालों में दूसरे पायदान पर हैं। उनकी संपत्ति 54.7 अरब डॉलर से बढ़कर 95.5 अरब डॉलर हो गई। जकरबर्ग की नेटवर्थ में 75% की बढ़ोतरी हुई। यह वृद्धि 18 मार्च से 13 अगस्त के बीच हुई है।
साइरस पूनावाला :
हुरून रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी के चार महीनों के दौरान साइरस पूनावाला की नेटवर्थ में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। भारत के अरबपतियों में उनकी दौलत सबसे तेजी से बड़ी है। वहीं, फोर्ब्स रिपोर्ट बताती है कि कोविड-19 वैक्सीन बनाने में जुटे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ साइरस पूनावाला की नेट वेल्थ में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है। पूनावाला की कुल वेल्थ 11.5 बिलियन डॉलर आंकी गई है। इसकी बदौलत पूनावाला टॉप-10 में एंट्री करते हुए छठे स्थान पर रहे हैं।
कोरोना से पहले इतनी थी अरबपतियों की संपत्ति
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर काम करना होगा
विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मलपास ने कहा है कि महामारी और वैश्विक मंदी दुनिया की आबादी का 1.4 प्रतिशत से अधिक गरीबी में गिरने का कारण हो सकता है। कोविड महामारी के खत्म होने के बाद देश को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर काफी काम करना होगा।
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