घरेलू यात्रा करना चाहते हैं भारतीय; 40% बना रहे वीकेंड पर घूमने की योजना लेकिन अब डील नहीं सुरक्षा और रेटिंग बनीं प्राथमिकता

अब लोग धीरे-धीरे ट्रैवलिंग को लेकर प्लान करने लगे हैं। खासकर घरेलू यात्राओं को लेकर प्लानिंग की जा रही है। इससे ट्रैवल इंडस्ट्री भी रिकवरी की उम्मीद कर रही है। हाल ही में ट्रैवल लॉयलिस्ट्स द्वारा की गई एक सर्वे में लोगों ने माना है कि अब वे ट्रैवलिंग करने को लेकर फिर से विचार कर रहे हैं। सर्वे में शामिल ज्यादातर लोग फ्लाइट से या अपने वाहनों से कहीं आना-जाना पसंद किया।

सर्वे में यह कहा गया है कि अब कंज्यूमर का मूड पहले के मुताबिक काफी बदल गया है। वे अब ट्रैवल पर मिलने वाली डील की अपेक्षा सुरक्षा और एहतियाती उपायों को प्राथमिकता दे रहे हैं। पहले ट्रैवल पर मिलने वाली डील को लोग काफी महत्व देते थे।

भारत के सबसे बड़े मल्टी ब्रैंड लॉयल्टी प्रोग्राम, पेबैक की और कंपनी के डिजिटल रिसर्च पार्टनर यूनोमर की ओर से स्टडी की गई। सर्वे में भाग लेने वाले लोगों का चयन पिछले 2 वर्षों में यात्रा संबंधी उनके बर्ताव के आधार पर किया गया। सर्वे सभी मेट्रो और कुछ प्रमुख शहरों समेत 12 शहरों में 25 से 50 वर्ष के लोगों के बीच किया गया, जो अलग-अलग इनकम ग्रुप से संबंध रखते थे।

आइए जानते हैं सर्वे में क्या कुछ खास बातें निकल कर सामने आई हैं;

  • छोटे-छोटे ट्रैवल ब्रेक्‍स का रहा 2020 पर राज-

पहला अनलॉक होने के बाद सर्वे में शामिल करीब 40 फीसदी लोग या तो अपने घरों को लौट चुके हैं या वह वीकेंड पर कहीं घूमने जाने की योजना बना रहे हैं। सर्वे में शामिल 20 फीसदी से ज्यादा लोग छुट्टियों में कहीं बाहर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं। वहीं, एक तिहाई लोगों का कहना है कि उनकी योजना नॉर्थ और साउथ इंडिया की यात्रा की है। सर्वे में शामिल करीब तीन चौथाई लोगों का प्लान छुट्टियों में घरेलू यात्रा पर जाने का देखा गया। इसमें बहुत से लोगों ने वीकेंड पर या पास की जगहों पर छोटी अवधि की यात्राओं पर जाना पसंद किया। 2020 के बाकी बचे हुए महीनों में लंबी छुट्टियों पर जाने या घूमने के लिए विदेश जाने की कोई योजना नहीं देखी गई। सर्वे में भाग लेने वाली महिलाओं ने लॉन्ग ट्रिप को प्राथमिकता दी, जबकि इसके उलट पुरुषों ने कम समय के लिए कहीं घूमने जाने को तरजीह दी।

  • महिलाओं ने सेल्फ ड्राइव मोड को दी प्राथमिकता-

सर्वे में शामिल करीब 50 फीसदी लोगों ने अनलॉक के प्रारंभिक चरणों में थोड़े समय के लिए छुट्टियां बिताने कहीं बाहर जाने के लिए खुद कार ड्राइव करने को ही तरजीह दी। युवा महिलाएं सेल्फ ड्राइविंग के मामले में सबसे आगे रहीं। सेल्फ ड्राइविंग के लिए देश के उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से में यात्रा करने को लोगों ने प्राथमिकता दी। लोगों ने शॉर्ट ट्रिप्स या कहीं भी आने-जाने के लिए ट्रेनों या बसों से जाना बहुत ही कम पसंद किया। हालांकि पिछले कुछ हफ्तों में फ्लाइट से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में उछाल देखा गया। खासतौर से देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में लोगों ने फ्लाइट से यात्रा करने को प्राथमिकता दी।

  • एक चौथाई से कम है घूमने-फिरने पर खर्च करने की योजना-

40 फीसदी से ज्यादा उपभोक्ता इस फेस्टिव सीजन में पिछले साल के मुकाबले कम खर्च कर रहे हैं। 35 फीसदी उपभोक्ताओं के खर्च करने का तरीका वही है, जो पिछले साल था। इस साल केवल उच्च आय वर्ग से संबंधित केवल 20 फीसदी घरों में ही ज्यादा खर्च करने की योजना बनाई जा रही है। सर्वे में शामिल दक्षिण भारत के लोगों की योजना इस बार ज्यादा खर्च करने की है। इसके बाद उत्तर भारतीयों का नंबर आता है।

  • डील नहीं सुरक्षा और रेटिंग बनीं प्राथमिकता-

सर्वे में शामिल करीब एक तिहाई लोग ट्रैवल से संबंधित अपनी बुकिंग पारंपरिक ट्रैवल एजेंटों की जगह ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म से करा रहे हैं। करीब 60 फीसदी लोग छुट्टियों में ठहरने के लिए होटलों की बुकिंग करा चुके हैं या कराने की योजना बना रहे हैं। करीब तीन चौथाई किसी भी अन्य पहलू, जैसे किफायती दाम, डील और ऑफर्स की तुलना में सुरक्षा को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। उनके लिए बुकिंग का मुख्य पैमाना होटलों का सैनिटाइजेशन सर्टिफिकेट और हाई स्टार रेटिंग है। पहले लोग अफोर्डेबल रेट, डील और ऑफर्स को प्राथमिकता देते थे। सर्वे में शामिल 60 फीसदी लोगों की योजना अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने के लिए बाहर जाने की है। वहीं 25 फीसदी लोग अपने दोस्तों के साथ वैकेशन पर जाना चाहते हैं। अब भी अकेले घूमने की इच्छा रखने वाले लोगों की संख्या कम (9 फीसदी) है।

  • अन्य गैरजरूरी खर्चे भी बचाए जा रहे हैं ​​​​​​-

छुट्टियों में यात्रा पर होने वाले खर्च के अलावा अपने विवेक से अन्य गैरजरूरी खर्चे भी बचाए जा रहे हैं या इनका पैसा कहीं और खर्च कर रहे हैं। लोग अपने घरों के लिए बड़े या छोटे अपलायंसेज खरीदने को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। सर्वे में करीब 60 फीसदी लोगों की यह पसंद शानदार ढंग से उभरकर सामने आई। इसके बाद कपड़ों पर सबसे ज्यादा (59 फीसदी) खर्च करने की लोगों की योजना है। 45 फीसदी लोग मोबाइल पर खर्च करने की योजना बना रहे हैं, जबकि 37 फीसदी लोगों ने घरों में सजावट के सामान पर खर्च करना पसंद किया है। सर्वे में भाग लेने वाले दक्षिण भारतीय लोगों ने बड़े अपलायंसेज और मोबाइल में दिलचस्पी दिखाई, जबकि उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी भारत में लोगों ने छोटे अपलायंसेज और घरों में सुधार कराने को प्राथमिकता दी।



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