इस दिवाली गोल्ड में निवेश करने का शानदार मौका, बाजार भाव से 3330 रुपए कम में सरकार बेच रही सोना
त्योहारी सीजन में सोने के भाव में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसी का नतीजा है कि 24 कैरेट सोने का भाव 55 हजार (दिल्ली) प्रति 10 ग्राम से ऊपर पहुंच गया है। ऐसे में अगर आप सोना खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो सरकार अब भी आपको बाजार भाव से सस्ता सोना खरीदने का मौका दे रही है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत आप 13 नवम्बर तक 51 हजार 770 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव से सोने में निवेश कर सकेंगे। ये भाव बाजार से 3330 रुपए कम है। ऐसे में आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करके ज्यादा फायदा कमा सकते हैं। ये स्कीम 13 नवंबर तक खुली रहेगी।
MCX पर भी 52 हजार 480 रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंचा सोना
गोल्ड MCX के अनुसार 9 नवंबर को सोना 52 हजार 480 रुपए प्रति 10 ग्राम (गोल्ड फ्यूचर, सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर) से ऊपर निकल गया है। इस हिसाब से 1 ग्राम सोने की कीमत 5,248 रुपए हुई। वहीं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के तहत प्रति ग्राम सोने की कीमत 5177 रुपए तय की गई है। ऐसे में आपको प्रति ग्राम 71 रुपए का फायदा होगा।
डिजिटल पेमेंट करने पर मिलेगा ज्यादा फायदा
जो लोग इनके लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे और डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान करेंगे, उन्हें प्रति ग्राम 50 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। यानी अगर आप इन माध्यमों से गोल्ड बांड लेते हैं तो आपको प्रति 10 ग्राम 500 रुपए का अतिरिक्त फायदा होगा।
RBI जारी कर रहा ये बॉन्ड
RBI ये बॉन्ड भारत सरकार की तरफ से जारी कर रहा है। RBI के अनुसार ‘‘बॉन्ड की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने के लिए पिछले 3 वर्किंग डेज में साधारण औसत बंद भाव (इंडिया बुलियन एंड जूलर्स एसोसिशन द्वारा प्रकाशित) मूल्य पर आधारित है।
इश्यू प्राइस पर मिलता है 2.50% ब्याज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इश्यू प्राइस पर हर साल 2.50 फीसदी का निश्चित ब्याज मिलता है। यह पैसा हर 6 महीने में अपने आप आपके खाते में पहुंच जाता है। फिजिकल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ पर आपको इस तरह का फायदा नहीं मिलता। एनएसई के वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार सॉवरेन 8 साल के मैच्योरिटी पीरियड के बाद इससे होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता। इसके साथ ही हर छह महीने पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टीडीएस भी नहीं लगता।
कितना सोना खरीद सकते हैं?
कोई शख्स एक वित्त वर्ष में मिनिमम 1 ग्राम और मैक्सिमम 4 किलोग्राम तक वैल्यू का बॉन्ड खरीद सकता है। हालांकि किसी ट्रस्ट के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किग्रा है। बॉन्ड का मेच्योरिटी पीरियड 8 साल का है। लेकिन निवेशकों को 5 साल के बाद बाहर निकलने का मौका मिलता है। यानी जरूरत पड़ने पर आप 5 साल बाद इसे कैश कर सकते हैं। एनएसई के मुताबिक लोन लेने के दौरान कोलेटरल के रूप में भी इन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा ये बांड एनएसई पर ट्रेड भी करते हैं।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बांड होता है। इसे डीमैट रूप में परिवर्तित कराया जा सकता है। इसका मूल्य रुपए या डॉलर में नहीं होता है, बल्कि सोने के वजन में होता है। यदि बॉन्ड पांच ग्राम सोने का है, तो पांच ग्राम सोने की जितनी कीमत होगी, उतनी ही बॉन्ड की कीमत होगी। इसे खरीदने के लिए सेबी के अधिकृत ब्रोकर को इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है। बॉन्ड को भुनाते वक्त पैसा निवेशक के खाते में जमा हो जाता है। यह बॉन्ड भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सरकार की ओर से जारी करता है।
सोर्स: फिजीकल गोल्ड की कीमत पैसा बाज़ार डॉट कॉम से ली गई हैं।
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