अक्टूबर में घरेलू नेचुरल गैस उत्पादन में 8.6% की गिरावट, पहली छमाही में 12.9% की कमी
घरेलू नेचुरल गैस उत्पादन में एक बार फिर गिरावट दर्ज की गई है। सरकारी डाटा के मुताबिक, अक्टूबर 2020 में घरेलू नेचुरल गैस उत्पादन वार्षिक आधार पर 8.6% की गिरावट के साथ 2,414 मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर (MMSCM) रहा है। अक्टूबर में घरेलू क्रूड ऑयल उत्पादन 2.6 मिलियन टन रहा है जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 6.3% कम है। घरेलू नेचुरल गैस उत्पादन की देश की कुल आवश्यकता में 51% हिस्सेदारी है। वहीं 85% क्रूड की आपूर्ति आयात के जरिए होती है।
पहली छमाही में 13,939 MMSCM नेचुरल गैस का उत्पादन
डाटा के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 13,939 MMSCM नेचुरल गैस का उत्पादन हुआ है। यह एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 12.9% कम है। सरकार की ओर से बिक्री प्राइस में कमी करने के कारण कंपनियां उत्पादन में तेजी से अस्थिरता ला रही हैं। केयर रेटिंग्स के एक नोट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 में घरेलू नेचुरल गैस के ग्रॉस उत्पादन में 10.6% की गिरावट हो सकती है। इसका कारण यह है कि गैस की कम कीमतों के कारण कंपनियां तेजी से उत्पादन नहीं बढ़ा रही हैं। मौजूदा समय में लोकल फील्ड से उत्पादित नेचुरल गैस की कीमत सबसे कम स्तर 1.79 डॉलर प्रति mmBtu पर है। एजेंसी का कहना है कि यह काफी कम कीमत है।
फर्टिलाइजर सेक्टर में सबसे अधिक है नेचुरल गैस की मांग
देश में नेचुरल गैस की सबसे ज्यादा मांग फर्टिलाइजर सेक्टर (28%) से आती है। इसके बाद पावर (23%), सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन इकाइयां (16%), रिफाइनरीज (12%) और पेट्रोकेमिकल्स (8%) इंडस्ट्रीज का नंबर आता है। सरकार की योजना 2030 तक कुल एनर्जी डिमांड में नेचुरल गैस की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 15% करने की है। मौजूदा समय में देश की कुल एनर्जी डिमांड में नेचुरल गैस की 6% हिस्सेदारी है।
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वित्त वर्ष 2018 के बाद उत्पादन में लगातार गिरावट
वित्त वर्ष 2020 में वार्षिक आधार पर 2.8% की गिरावट के साथ 31,168 MMSCM नेचुरल गैस का उत्पादन हुआ था। वित्त वर्ष 2018 के बाद घरेलू नेचुरल गैस उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है। मौजूदा गैस फील्ड के काफी पुराने होने और नए प्रोजेक्ट से इंडस्ट्री के दूरी बनाए रखने के कारण घरेलू नेचुरल गैस के उत्पादन में गिरावट आ रही है। सरकार की संसदीय कमेटी के मुताबिक, खरीदारों की कमी, निकासी का अपर्याप्त बुनियादी ढांचा और अन्य तकनीकी कारणों से वित्त वर्ष 2020 में उत्पादन में कमी आई है।
नवंबर के पहले हाफ में बिजली की खपत 7.8% बढ़ी
नवंबर के पहले हाफ में देश में बिजली खपत 7.8% बढ़कर 50.15 बिलियन यूनिट (BU) पर पहुंच गई है। इससे देश में आर्थिक गतिविधियों में सुधार का संकेत मिलता है। बिजली मंत्रालय के डाटा से यह बात सामने आई है। डाटा के मुताबिक, एक साल पहले समान अवधि में 46.52 BU बिजली की खपत रही थी। नवंबर 2019 में कुल 93.94 BU की खपत रही थी।
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