सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा फ्यूचर रिटेल, राहत की मांग

रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील पर रोक के फैसले के खिलाफ फ्यूचर रिटेल दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है। फ्यूचर रिटेल ने सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर राहत की मांग की है। फ्यूचर रिटेल ने दिल्ली हाईकोर्ट से गुहार लगाई है कि अमेजन के इस सौदे में हस्तक्षेप पर रोक लगाई जाए। फ्यूचर रिटेल ने शनिवार को स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी दी।

बीते सप्ताह कैविएट दाखिल की थी

रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के सौदे पर रोक को लेकर अमेजन के दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचने की आशंका के बीच फ्यूचर रिटेल ने बीते सप्ताह दो कैविएट दाखिल की थी। फ्यूचर रिटेल ने दिल्ली हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि यदि अमेजन कोई कोस फाइल करता है कि किशोर बियान प्रमोटेड ग्रुप की सुनवाई किए बिना कोई ऑर्डर पास ना किया जाए। ना ही अमेजन को कोई तत्काल राहत दी जाए। दिल्ली हाईकोर्ट के एक सीनियर एडवोकेट ने कहा था कि फ्यूचर ग्रुप पक्ष मजबूत है। यदि वो दिल्ली हाईकोर्ट में केस दायर करता है तो वह इसे जीत सकता है।

अगस्त में हुआ था 24,713 करोड़ रुपए का सौदा

रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच अगस्त में 24713 करोड़ रुपए का सौदा हुआ था। इसके तहत फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा जाएगा। इस सौदे का अमेजन डॉट कॉम विरोध कर रहा है। अमेजन ने सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत में इस सौदे को चुनौती दी थी। अदालत ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सौदे पर अस्थायी रोक लगा दी थी। अदालत ने कहा था कि अंतिम फैसला आने तक इस डील पर आगे ना बढ़ा जाए।

क्या है अमेजन की आपत्ति?

अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके लिए अमेजन ने 1,500 करोड़ रुपए का पेमेंट किया था। इस डील में शर्त थी कि अमेजन को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा। अमेजन के मुताबिक, इस डील में एक शर्त यह भी थी कि फ्यूचर ग्रुप मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप की किसी भी कंपनी को अपने रिटेल असेट्स नहीं बेचेगा। अब अमेजन फ्यूचर ग्रुप के रिटेल असेट्स रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने पर आपत्ति जता रहा है।

SEBI-BSE के पास पहुंच चुका है अमेजन

रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए सौदे को रोकने की मांग को लेकर अमेजन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और बाजार नियामक SEBI के पास पहुंच चुका है। अमेजन ने SEBI और BSE से इस सौदे को होल्ड करने की अपील की है। अमेजन ने सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के फैसले का हवाला दिया है। अमेजन ने अदालत के फैसले की कॉपी भी उपलब्ध कराई है।

दोनों ग्रुप ने जताई सौदे को पूरा करने की प्रतिबद्धता

सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के फैसले के बावजूद रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर ग्रुप दोनों ने इस सौदे को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई है। दोनों ग्रुप का कहना है कि यह सौदा भारतीय कानूनों के तहत हुआ है और समय पर पूरा किया जाएगा। सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के फैसले पर रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप का कहना है कि यह सौदा भारतीय कानूनों के तहत हुआ है।

भारत में पकड़ मजबूत करना चाहती है अमेजन

रिलायंस की नजर भारत में ऑनलाइन रिटेल स्पेस पर है, जिसे अमेजन और फ्लिपकार्ट लीड कर रहे हैं। वहीं, अमेजन भारत में मजबूत ऑनलाइन मौजूदगी के चलते ऑफलाइन रिटेल बिजनेस में अपनी पकड़ मजबूत करने पर काम कर रही है। इसके लिए अमेजन ने प्राइवेट इक्विटी फंड समारा कैपिटल के साथ 2018 में आदित्य बिरला ग्रुप के सुपरमार्केट चेन का अधिग्रहण किया था। जानकारों का कहना है कि अमेजन, आरआईएल और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए इस डील चिंतित हुई है। क्योंकि इससे भारत में कंपनी को कड़ी टक्कर मिल सकती है।

रिटेल में बड़ा दांव खेल रही है रिलायंस

इस समय रिलायंस रिटेल देश में करीब 12 हजार स्टोर चलाती है और मुकेश अंबानी रिटेल पर बड़ा दांव खेल रहे हैं। रिलायंस रिटेल का इक्विटी वैल्यूएशन इस समय 4.28 लाख करोड़ रुपए है। इसमें लगातार हिस्सेदारी बेची जा रही है। अब तक करीबन 8 कंपनियों ने इसमें पैसे लगाए हैं। इसकी हिस्सेदारी बेचकर मुकेश अंबानी अब तक 37 हजार करोड़ रुपए जुटा चुके हैं। रिलायंस रिटेल, जियोमार्ट के साथ डिजिटल डिलिवरी भी कर रही है।



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सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत के फैसले पर रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप का कहना है कि यह सौदा भारतीय कानूनों के तहत हुआ है।


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