गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को बैंक बनाने की तय शर्त में प्रमुख कॉर्पोरेट ग्रुप के NBFC योग्य, शेयर भी 20% तक बढ़े

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की आंतरिक वर्किंग ग्रुप (IWG) ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को बैंक बनाने के लिए सिफारिश किया है। ऐसे में RBI इसे मंजूर करता है तो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के बैंक बनने का रास्ता आसान हो जाएगा। लेकिन रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और डिप्टी गवर्नर ने इसको बैड आइडिया कहा है। इस वर्किंग ग्रुप की स्थापना 12 जून 2020 को की गई थी। सिफारिश की खबर के बाद NBFC शेयरों में 20% तक की शानदार तेजी देखने को मिली।

आंतरिक वर्किंग ग्रुप की शर्तें

RBI की वर्किंग ग्रुप की सिफारिश में बैंकिंग नियमों को आसान बनाने की बात कही गई है। इससे क्वालिटी एनबीएफसी को यह मौका मिल सकता है। वर्किंग ग्रुप एनबीएफसी से बैंक के लिए दो शर्त रखे हैं। पहला, एनबीएफसी 10 साल से कारोबार कर रही हो। दूसरा, उनकी असेट साइज 50 हजार करोड़ रुपए होनी चाहिए। इससे वे खुद फुल फ्लैज्ड बैंक के रूप में हो सकती हैं।

देश में 50 हजार करोड़ से अधिक असेट वाली NBFC

50 हजार करोड़ रुपए के असेट साइज के लिहाज से एचडीएफसी देश की शीर्ष NBFC है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही तक कंपनी के पास 5.41 लाख करोड़ रुपए के असेट रहा। बजाज फाइनेंस, L&T फाइनेंस होल्डिंग्स और श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस जैसी कंपनियों के असेट 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। पीरामल इंटरप्राइजेज और टाटा कैपिटल के मार्केट असेट क्रमश: 76.7 और 83.3 हजार करोड़ रुपए है।

असेट साइज के लिहाज से देश की टॉप-10 NBFC कंपनी

कंपनी असेट साइज (रुपए में)
एचडीएफसी 5.41 लाख करोड़
बजाज फाइनेंस 1.35 लाख करोड़
L&T फाइनेंस होल्डिंग्स 1.09 लाख करोड़
श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस 1.09 लाख करोड़
टाटा कैपिटल 83.3 हजार करोड़
महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंस सर्विस 78.3 हजार करोड़
पीरामल कैपिटल 75 हजार करोड़
चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस 70.5 हजार करोड़
मुथूट फाइनेंस 57.2 हजार करोड़
आदित्य बिरला कैपिटल 56.9 हजार करोड़

IWG की दूसरी शर्त

बजाज फाइनेंस की शुरुआत फरवरी 2008 में हुई थी। टाटा कैपिटल की शुरुआत भी 2007 से हुई थी। इसके अलावा अन्य कंपनियों को भी संचालन में 10 सालों से अधिक का समय हो चुका है। यानी ज्यादातर NBFC, RBI की आंतरिक वर्किंग ग्रुप की सिफारिशों के दूसरी शर्त को ही तहत है।

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और डिप्टी गवर्नर ने आलोचना की

हालांकि, रघुराम राजन और विरल आचार्य ने सोमवार को बैंकिंग सेक्टर में प्रस्तावित बदलावों की आलोचना की है। जिसके तहत भारतीय कॉरपोरेट घरानों को बैंक स्थापित करने की अनुमति देने की सिफारिश की गई है। रघुराम राजन RBI के पूर्व गवर्नर और विरल आचार्य पूर्व डिप्टी गवर्नर हैं। उन्होंने इस सिफारिश को 'बैड आइडिया' कहा है।

कॉरपोरेट ग्रुप के तहत बजाज फाइनेंस, एलएंडटी फाइनेंस, टाटा कैपिटल, पीरामल कैपिटल, महिंद्रा फाइनेंस और आदित्य बिरला फाइनेंस जैसी NBFC आती हैं।उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट घरानों को बैंक खोलने की अनुमति देने से कुछ खास कारोबारी घरानों के हाथ में और ज्यादा आर्थिक (और राजनीति) ताकत इकट्ठा होगी।

रघुराम राजन ने कहा कि यदि सिर्फ कानून बनाने से ही रेगुलेशन और सुपरविजन मजबूत हो जाता, तो भारत में NPA की समस्या नहीं होती। भारत में ऐसे अनेक प्रमोटर्स हैं, जो लाइसेंस लेते समय तो फिट एंड प्रॉपर टेस्ट पास कर जाते हैं, लेकिन बाद में उनकी मंशा खराब हो जाती है।

देश NBFC की स्थिति

देश में लगभग 9601 एनबीएफसी हैं। 31 मार्च, 2009 से लेकर 31 मार्च, 2019 के बीच NBFCs की सालाना विकास दर 18.6% रही है। जबकि इस दौरान कमर्शियल बैंक की विकास दर 10.7% रही। एनबीएफसी की कुल बैलेंस शीट साइज कमर्शियल बैंक की कुल बैलेंस शीट साइज की 18.6% है। मार्च 2009 में यह महज 9.3% थी। RBI के आंतरिक वर्किंग ग्रुप ने कहा, 31 मार्च, 2020 तक NBFC का असेट साइज 51 लाख करोड़ रुपए से अधिक रही है।

शेयरों में शानदार तेजी

आंतरिक वर्किंग ग्रुप के सिफारिश के बाद शेयर बाजार में NBFC सेक्टर के शेयरों का प्रदर्शन भी शानदार रहा। सोमवार को उज्जिवन स्मॉल फाइनेंस और इक्विटास होल्डिंग्स के शेयरों में 20-20 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। उज्जिवन फाइनेंस सर्विस का शेयर 18% और इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक के शेयर में भी 13% की तेजी रही। वहीं, आदित्य बिरला कैपिटल के शेयरों में भी 4% की बढ़त रही।

शुरुआती पूंजी एक हजार करोड़

RBI के IWG ने सुझाव दिया कि नए बैंक को लाइसेंस देने कि लिए शुरुआती पूंजी कम से कम 500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपए कर दी जाए। वहीं, स्माल फाइनेंस बैंक के लिए यह 200 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपए कर दिया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
वर्किंग ग्रुप एनबीएफसी से बैंक के लिए दो शर्त रखे हैं। पहला, एनबीएफसी 10 साल से कारोबार कर रही हो। दूसरा, उनकी असेट साइज 50 हजार करोड़ रुपए होनी चाहिए।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3lUCO53
via ATGNEWS.COM

Post a Comment

0 Comments