2020 में एशियाई, अमेरिकी बाजारों ने दिया 16% तक रिटर्न, यूरोपीय बाजारों में निवेशकों को 12% तक नुकसान

यह साल दुनियाभर के बाजारों के लिए भारी उतार-चढ़ाव वाला रहा। मार्च सबसे बुरा रहा, क्योंकि उस महीने दुनियाभर के निवेशकों ने कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण शेयर बेचे। लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार भी थमी रही। इस वजह से अमेरिका और यूरोप के शेयर बाजारों में गिरावट के 33 साल के रिकॉर्ड टूट गए।

हालांकि, इस बीच आर्थिक गतिविधियों में तेजी के साथ बाजार का रुख भी बदला। निवेशकों ने अमेरिकी और एशियाई बाजारों से अच्छा मुनाफा कमाया, हालांकि यूरोप में उन्हें नुकसान झेलना पड़ा। ग्लोबल स्तर पर टेस्ला और अलीबाबा और भारत में अदाणी ग्रुप के शेयर काफी चर्चा में रहे।

दुनियाभर के शेयर बाजारों पर कोरोना का असर

  • तीन हफ्ते में 26% गिर गए थे अमेरिकी बाजार

S&P 500 इंडेक्स 4 से 11 मार्च के बीच 12% नीचे आया। 12 मार्च को तो इसमें 9.5% गिरावट आई थी, जो 1987 के बाद एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट रही। इंडेक्स केवल तीन हफ्तों के 16 कारोबारी दिनों में 26% फिसला था। बता दें कि इससे करीब महीने भर पहले इंडेक्स ने 19 फरवरी को 3,386 के रिकॉर्ड स्तर को छुआ था। पूरे साल में इंडेक्स ने 14% की बढ़त बनाई है।

  • यूरोपियन मार्केट में आई थी 33 साल की सबसे बड़ी गिरावट

ब्रिटेन का FTSE इंडेक्स 12 मार्च को 10% तक फिसल गया था, जो 1987 के बाद इंट्रा डे में सबसे बड़ी गिरावट थी। हालांकि, 23 मार्च के निचले स्तर से इंडेक्स अब तक 32% रिकवर कर चुका है। इसी दौरान फ्रांस और जर्मनी के शेयर बाजार भी लगभग 12% तक टूटे थे। सालाना आधार पर देखें तो जर्मनी को छोड़कर बाकी बाजारों में निवेशकों को नुकसान हुआ।

  • एशियाई बाजारों में भी रिकॉर्ड गिरावट

एशियाई बाजारों में भारत में 23 मार्च को सेंसेक्स और निफ्टी इंडेक्स रिकॉर्ड 13-13% नीचे बंद हुए थे। इससे पहले 13 मार्च को भी निफ्टी इंडेक्स में खुलते ही लोअर सर्किट लग गया था। जापान का निक्केई इंडेक्स 13 मार्च को इंट्रा डे यानी दिन के कारोबार में 10% तक फिसला था, जो बीते 30 सालों की सबसे बड़ी गिरावट रही। इससे पहले अप्रैल 1990 में ऐसी गिरावट देखने को मिली थी।

साल के चर्चित स्टॉक्स

  • टेस्ला - यह एक इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता कंपनी है। इसके शेयर ने निवेशकों को 674% का रिटर्न दिया। शेयरों में तेजी के चलते कंपनी के को-फाउंडर एलन मस्क की नेटवर्थ इस साल 483% बढ़ गई। उनकी संपत्ति 133 अरब डॉलर बढ़कर 161 अरब डॉलर हो गई है। अब वे जेफ बेजोस के बाद दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी हैं।
  • अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग्स - कंपनी के शेयर ने इस साल 2 जनवरी से 28 अक्टूबर के दौरान निवेशकों को 46% का रिटर्न दिया था। नवंबर में ग्रुप की फाइनेंशियल कंपनी एंट ग्रुप का दुनिया का सबसे बड़ा, 39.7 अरब डॉलर का IPO लॉन्च करने वाली थी। लेकिन कंपनी के ओनर जैक मा द्वारा चीन के रेगुलेटर्स के खिलाफ बोलने के चलते मार्केट रेगुलेटर्स ने IPO को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद शेयर गिरने लगे। अक्टूबर के अंत से अब तक जैक मा की नेटवर्थ 11 अरब डॉलर कम हो गई। हालांकि कंपनी के शेयर ने सालभर में 11.90% का रिटर्न दिया।
  • अदाणी ग्रीन - अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी ग्रीन के शेयर ने निवेशकों को 495% का रिटर्न दिया है। कंपनी ने इसी साल जून में कंपनी ने कहा था कि वह दुनिया के सबसे बड़े सोलर ऑर्डर के लिए 450 अरब रुपए का निवेश करेगी। शेयरों के दाम में इतनी तेजी के कारण अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी की नेटवर्थ दोगुनी होकर दो लाख करोड़ रुपए के पार चली गई।

भारत में FII का रिकॉर्ड निवेश
ग्लोबल मार्केट में डॉलर की घटती वैल्यू और क्वालिटी शेयरों की कम कीमत के चलते भारत में विदेशी निवेशकों (FII) ने निवेश बढ़ाया है। 2020 में 28 दिसंबर तक FII भारत में 1.64 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर चुके हैं। यह 2019 में कुल निवेश 1.01 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 63 हजार करोड़ रुपए अधिक है।

क्या कहते हैं मार्केट के जानकार?
अब कोरोना वैक्सीन मार्केट में आने लगी है। इसके अलावा सेंट्रल बैंक भी ब्याज दरों में राहत दे रहे हैं। अर्थव्यवस्था के प्रमुख इंडिकेटर्स भी धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहे हैं। इसलिए ज्यादातर एक्सपर्ट मानते हैं कि बाजार नए साल के शुरुआती महीनों में भी पॉजिटिव ग्रोथ के साथ ट्रेड करेंगे। यानी अभी जो तेजी का सिलसिला है, वह फिलहाल जारी रहेगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Global Stock Market Performance During Coronavirus Outbreak; From US Dow Jones To FTSE Europe Market


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3pCC7yC
via ATGNEWS.COM

Post a Comment

0 Comments