प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 20 लाख से ज्यादा अयोग्य किसानों को बांट डाले 1,364 करोड़ रुपए
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 20.48 लाख अयोग्य लाभार्थियों को 1,364 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इस बात का खुलासा सूचना के अधिकार (आरटीआई) तहत मांगी गई जानकारी से हुआ है। आरटीआई के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया कि अयोग्य लाभार्थियों की दो कैटेगरी की पहचान की गई है।
इसकी पहली कैटेगरी में वो किसान हैं जो अर्हता पूरी नहीं करते हैं यानी की अयोग्य किसान। वहीं दूसरी कैटेगरी में आयकर भरने वाले किसानों को रखा गया है। साल 2019 में शुरू हुई पीएम-किसान योजना के तहत जुलाई 2020 तक अयोग्य लाभार्थियों को 1,364 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
अयोग्य किसानों से वापस लिए जाएंगे पैसे
कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (सीएचआरआई) से संबद्ध आरटीआई आवेदक वेंकटेश नायक ने ये आंकड़े सरकार से प्राप्त किए हैं। आरटीआई के जवाब के अनुसार "अयोग्य लाभार्थियों में आधे से ज्यादा (55.58%) ‘आयकरदाता’ की श्रेणी में हैं। बाकी 44.41% वे किसान हैं जो योजना की अर्हता पूरी नहीं करते हैं।" नायक ने बताया कि मीडिया में आई खबर के मुताबिक अयोग्य लाभार्थियों को भुगतान की गई राशि वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पंजाब में सबसे ज्यादा अयोग्य किसानों लिया पैसा
आंकड़ों के मुताबिक पंजाब, असम, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश में अयोग्य लाभार्थियों ज्यादा संख्या में है। इस मामले में पंजाब टॉप पर है यहां कुल अयोग्य लाभार्थियों में 23.6% (यानी 4.74 लाख) हैं। इसके बाद 16.8 प्रतिशत (3.45 लाख लाभार्थी) अयोग्य लाभार्थियों के साथ असम का स्थान है। अयोग्य लाभार्थियों में 13.99% (2.86 लाख लाभार्थी) महाराष्ट्र में रहते हैं। इस प्रकार इन तीनों राज्यों में ही अयोग्य पाए गए लाभार्थियों की आधी से अधिक (54.03%) संख्या रहती है।
इसके बाद गुजरात और उत्तर प्रदेश का स्थान है जहां पर कुल अयोग्य लाभार्थियों में क्रमश: 8.05% (1.64 लाख लाभार्थी) और 8.01% (1.64 लाख) लाभार्थी रहते हैं। वहीं अगर सबसे की बात करें तो सिक्किम में एक अयोग्य लाभार्थी का पता चला है जो किसी राज्य में सबसे कम है।
क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना?
इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को 2-2 हजार रुपए की तीन किस्तें साल में (कुल 6000 रुपए) दी जाती हैं। योजना के पात्र लाभार्थी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिए भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके अलावा स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारी और योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से नामित नोडल अधिकारी ही किसानों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। अब तक करीब 11 करोड़ किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है।
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