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रिएल एस्टेट सेक्टर को 1 लाख करोड़ रुपए का नुकसान; जीएसटी में छूट मिले: नरेडको
कोविड-19 की वजह से रिएल एस्टेट सेक्टर को अब तक 1 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। नेशनल रिएल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नरेडको) के प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदानी ने ऐसा कहा है। उनका कहना है जैसे-जैसे दिन गुजर रहे हैं नुकसान बढ़ता ही जा रहा है। नरेडको ने जीएसटी में कटौती, इन्सॉल्वेंसी रोकने और राहत पैकेज देने की मांग की है।
बकाया जीएसटी भुगतान 6 तिमाही किश्तों में करने की मांग
नरेडको ने सरकार से अपील की है कि तीन महीने के लिए जीएसटी में 50% और पूरे साल के लिए 25% कमी की जाए। बकाया जीएसटी का भुगतान छह तिमाही किश्तों में करने की छूट भी जाए और यह अक्टूबर 2020 से शुरू हो। 2019-20 के इनकम टैक्स और 2020-21 के एडवांस टैक्स के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। बकाया टैक्स पर ब्याज नहीं लगे। साथ ही अंडर कंस्ट्रक्शन घरों पर लगने वाला 5% जीएसटी खत्म किया जाए।
'एनसीएलटी कानून में 6 महीने की राहत मिले'
हीरानंदानी का कहना है कि विदेशी निवेशक देश की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में गिरावट का इंतजार कर रहे हैं ताकि इनका टेकओवर कर सकें। इसलिए देश की कंपनियों को बचाने के लिए छह महीने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) कानून को रद्द कर देना चाहिए।
नरेडको ने मांगा है 22.50 लाख करोड़ रुपए का पैकेज
नरेडको का कहना है कि इकोनॉमी के लिए 22.50 लाख करोड़ रुपए का पैकेज घोषित किया जाना चाहिए। इसमें से 7.5 लाख करोड़ तुरंत जारी किए जाने चाहिए। इतही ही रकम का दूसरा पैकेज अगले चार महीने में और आखिरी पैकेज अगले 8 महीने में घोषित किया जाना चाहिए।
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बकाया जीएसटी भुगतान 6 तिमाही किश्तों में करने की मांग
नरेडको ने सरकार से अपील की है कि तीन महीने के लिए जीएसटी में 50% और पूरे साल के लिए 25% कमी की जाए। बकाया जीएसटी का भुगतान छह तिमाही किश्तों में करने की छूट भी जाए और यह अक्टूबर 2020 से शुरू हो। 2019-20 के इनकम टैक्स और 2020-21 के एडवांस टैक्स के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। बकाया टैक्स पर ब्याज नहीं लगे। साथ ही अंडर कंस्ट्रक्शन घरों पर लगने वाला 5% जीएसटी खत्म किया जाए।
'एनसीएलटी कानून में 6 महीने की राहत मिले'
हीरानंदानी का कहना है कि विदेशी निवेशक देश की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में गिरावट का इंतजार कर रहे हैं ताकि इनका टेकओवर कर सकें। इसलिए देश की कंपनियों को बचाने के लिए छह महीने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) कानून को रद्द कर देना चाहिए।
नरेडको ने मांगा है 22.50 लाख करोड़ रुपए का पैकेज
नरेडको का कहना है कि इकोनॉमी के लिए 22.50 लाख करोड़ रुपए का पैकेज घोषित किया जाना चाहिए। इसमें से 7.5 लाख करोड़ तुरंत जारी किए जाने चाहिए। इतही ही रकम का दूसरा पैकेज अगले चार महीने में और आखिरी पैकेज अगले 8 महीने में घोषित किया जाना चाहिए।
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