6 साल तक गोल्ड ईटीएफ में लगातार पैसे की निकासी के बाद मार्च में आया 1,600 करोड़ रुपए का इंफ्लो

निवेशकों ने गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1,600 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह निवेश 6 साल बाद आया है, क्योंकि पिछले 6 साल से लगातार निवेशक पैसा निकाल रहे थे। विश्लेषकों के मुताबिक गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ एक सुरक्षित निवेश माना जाता है और यही कारण है कि कोविड-19 की महामारी के कारण इसमें इस बार निवेश दिखा है।

आगे भी बना रह सकता है यह ट्रेंड

दरअसल कोविड-19 के आउटब्रेक की वजह से सोने की खरीदी को एक सुरक्षित असेट्स के रूप में देखा जा रहा है। मार्निंगस्टार के सीनियर एनालिस्ट मैनेजर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड-19 की महामारी से पूरे वैश्विक बाजारों और अर्थव्यवस्थाओं में जिस तरह का डर का माहौल बना है, उससे यह सेगमेंट लगातार आगे भी आकर्षण का केंद्र बना रहेगा। इंफ्लो का मतलब गोल्ड के असेट अंडर मैनेजमेंट से होता है जो मार्च 2020 के अंत में 79 प्रतिशत बढ़कर 7,949 करोड़ रुपए हो गया है। मार्च 2019 में यह 4,447 करोड़ रुपए था।

2018-19 में हुई थी 412 करोड़ की निकासी

पिछले कुछ सालों से रिटेल निवेशकों ने अपने निवेश गोल्ड ईटीएफ की तुलना में इक्विटीज में किया है जहां उन्हें बेहतर रिटर्न मिला है। एंफी के आंकड़ों के मुताबिक निवेशकों ने पिछले वित्तीय वर्ष में 14 गोल्ड ईटीएफ में कुल 1,613 करोड़ रुपए का निवेश किया है जबकि 2018-19 में उन्होंने 412 करोड़ रुपए की राशि की निकासी की थी। इसी तरह 2017-18 में इससे 775 करोड़ रुपए निवेशकों ने निकाला था, जबकि 2015-16 में 903 करोड़ रुपए की निकासी की गई थी। 2014-15 में 1,475 करोड़ रुपए और 2013-14 में 2,293 करोड़ रुपए की निकासी निवेशकों ने की थी। हालांकि 2012-13 में इसमें 1,414 करोड़ रुपए निवेशकों ने डाला था।



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Inflow of Rs 1,600 crore in March after continuous withdrawal of money in Gold ETF for 6 years


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