नीति आयोग ने एक्सपोर्ट प्रीपेयर्डनेस इंडेक्स-2020 लांच किया, देश में गुजरात सबसे आगे, उसके पीछे महाराष्ट्र और तमिलनाडु
सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग ने बुधवार को एक्सपोर्ट प्रीपेयर्डनेस इंडेक्स 2020 लांच किया। पहली बार तैयार किए गए इस तरह के इंडेक्स के मुताबिक गुजरात निर्यात के लिए देश का सबसे ज्यादा तैयार राज्य है। इस इंडेक्स में यह आंकने की कोशिश की गई है कि निर्यात की संभावना और प्रदर्शन के लिए के लिहाज से देश कितना तैयार है।
इस इंडेक्स में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चार मुख्य पैमाने (नीति, कारोबारी माहौल, निर्यात का माहौल और निर्यात का प्ररदर्शन) और 11 उप पैमाने पर आंका गया है। उप पैमाने में एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी, एक्सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, एक्सेस टु फाइनेंस, ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी और एक्सपोर्ट डायवर्सिफिकेशन भी शामिल हैं। गुजरात के बाद देश में सबसे ज्यादा तैयार राज्य है महाराष्ट्र और तीसरे नंबर पर है तमिलनाडु।
लैंडलॉक्ड राज्यों में राजस्थान का प्रदर्शन सबसे अच्छा है
इंडेक्स में देश के 8 कोस्टल राज्य में से छह टॉप 10 की रैंक में हैं। लैंडलॉक्ड राज्यों में राजस्थान का प्रदर्शन सबसे अच्छा है। इसके बाद तेलंगाना और हरियाणा क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
केंद्रशासित प्रदेशों में दिल्ली का प्रदर्शन सबसे अच्छा
हिमालयन राज्यों में उत्तराखंड निर्यात के लिए सबसे ज्यादा तैयार है। त्रिपुरा दूसरे और हिमाचल प्रदेश तीसरे स्थान पर है। केंद्रशासित प्रदेशों में दिल्ली का प्रदर्शन सबसे अच्छा है, जबकि गोवा दूसरे और चण्डीगढ़ तीसरे स्थान पर हें।
जम्मू-कश्मीर सबसे पीछे
नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश के निर्यात में 70 फीसदी योगदान सिर्फ 5 राज्यों का होता है। ये राज्य हैं महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना। देश में निर्यात की तैयारी के मामले में सबसे पीछे जम्मू-कश्मीर का स्थान रहा।
सबसे ज्यादा व्यापार करने वाले राज्य सबसे ज्यादा अमीर
सर्वे में यह पाया गया कि जो राज्य सबसे ज्यादा ट्र्रेड करते हैं, वे सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धी हैं और उनका ट्रेड सरप्लस सबसे ज्यादा है। यह भी पाया गया कि जो राज्य दूसरे देशों और दूसरे राज्यों के साथ सबसे ज्यादा व्यापार करते हैं, वे सबसे ज्यादा समृद्ध हैं।
आर्थिक विकास के लिए निर्यात में तेज वृद्धि महत्वपूर्ण
इस रिपोर्ट के लोकार्पण के मौके पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि दीर्घावधि में आर्थिक विकास के लिए निर्यात में तेज वृद्धि बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र किसी देश को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में महत्वपूर्ण योगदान करने और एकीकृत उत्पादन नेटवर्क का लाभ उठाने में सक्षम बनाता है।
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