आयकर विभाग ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 25.55 लाख टैक्सपेयर्स को जारी किया 95,853 करोड़ रुपए का टैक्स रिफंड
इनकम टैक्स विभाग ने शुक्रवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष में अब तक 95,853 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया जा चुका है। यह रिफंड 25.55 लाख से ज्यादा करदाताओं को मिला है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) की ओर से बुधवार को जारी बयान के मुताबिक, इसमें से 29,361 करोड़ रुपए का रिफंड पर्सनल इनकम टैक्स के रूप में 23.91 लाख करदाताओं को दिया गया है। वहीं, 1.63 लाख से ज्यादा करदाताओं को 66,493 करोड़ रुपए का कॉरपोरेट टैक्स रिफंड किया गया है।
31 अगस्त तक निपटाने हैं रिटर्न के सभी मामले
कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण पैदा हुए हालातों को देखते वित्त मंत्रालय ने इनकम टैक्स रिफंड के मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सीबीडीटी ने रिफंड से जुड़े सभी मामलों को प्राथमिकता के आधार पर लेते हुए 31 अगस्त 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। रिफंड की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए इनकम टैक्स विभाग ने सभी करदाताओं से कहा है कि वे विभाग की ओर से भेजी जाने वाली ई-मेल का जल्द से जल्द जवाब दें।
अगर आपको अभी तक रिफंड नहीं मिला है तो ऐसे चेक करें अपने रिफंड का स्टेटस
ऐसे करें चेक
- सबसे पहले https://ift.tt/1btzjs7 पर जाना होगा।
- यहां पैन नंबर और जिस साल का रिफंड बाकी है वह साल भरना होगा।
- अब आपको नीचे दिए गए कैप्चा कोड को भरना होगा।
- इसके बाद Proceed पर क्लिक करते ही स्टेटस आ जाएगा।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की साइट पर भी चेक कर सकते हैं रिफंड स्टेटस
- सबसे पहले https://ift.tt/1dxxFKf वेबसाइट पर जाएं।
- पैन, पासवर्ड और कैप्चा कोड जैसी डिटेल को डालकर अपने अकाउंट में लॉग-इन करें। 'रिव्यू रिटर्न्स/फॉर्म्स' पर क्लिक करें।
- ड्रॉप डाउन मेनू से 'इनकम टैक्स रिटर्न' सेलेक्ट करें। जिस असेसमेंट ईयर का इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस चेक करना चाहते हैं, उसका चयन करें
- इसके बाद अपने एक्नोलेजमेंट नंबर यानी हाइपर लिंक पर क्लिक करें।
- एक पॉप-अप आपकी स्क्रीन पर दिखाई देगा जो रिटर्न की फाइलिंग की टाइमलाइन दिखाएगा।
- जैसे कि कब आपका आईटीआर फाइल और वेरिफाई किया गया था, प्रोसेसिंग के पूरे होने की तारीख, रिफंड इश्यू होने की तारीख आदि।
क्या होता है रिफंड?
कंपनी अपने कर्मचारियों को सालभर वेतन देने के दौरान उसके वेतन में से टैक्स का अनुमानित हिस्सा काटकर पहले ही सरकार के खाते में जमा कर देती है। कर्मचारी साल के आखिर में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं, जिसमें वे बताते हैं कि टैक्स के रूप में उनकी तरफ से कितनी देनदारी है। यदि वास्तविक देनदारी पहले काट लिए गए टैक्स की रकम से कम है, तो शेष राशि रिफंड के रूप में कर्मचारी को मिलती है।
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