4 साल में रेलवे ने बिना टिकट यात्रियों से 1938 करोड़ रुपए की कमाई की, 25 मार्च से अब तक 1.78 करोड़ टिकट रद्द किए

भारतीय रेलवे ने 2016 से 2020 के दौरान चार साल में बिना टिकट यात्रियों से 1938 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला है। 2016 के बाद वसूले गए इस जुर्माने में 38.57 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रेलवे की ओर से एक आरटीआई के जवाब से यह खुलासा हुआ है। यह आरटीआई मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर ने दाखिल की थी।

पिछले साल 562.73 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला

रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 में बिना टिकट यात्रियों से 561.73 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला गया। यह जुर्माना 1.10 करोड़ यात्रियों से वसूला गया। वित्त वर्ष 2018-19 के मुकाबले इसमें 6 फीसदी की बढ़ोतरी रही है। रेलवे ने बिना टिकट यात्रियों से वित्त वर्ष 2016-17 में 405.30 करोड़ रुपए, वित्त वर्ष 2017-18 में 441.62 करोड़ रुपए और 2018-19 में 530.06 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला था।

बिना टिकट यात्रा पर कम से कम 250 रुपए का जुर्माना

रेलवे ने बिना टिकट यात्रा को रोकने के लिए कई नियम बनाए हैं। इन नियमों के मुताबिक, यदि कोई यात्री बिना टिकट यात्रा करते पाया जाता है तो उसे टिकट की कीमत के साथ कम से कम 250 रुपए का जुर्माना देना पड़ता है। यदि कोई यात्री जुर्माना देने से मना करते हैं तो उसे रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के हवाले कर दिया जाता है।

1 हजार रुपए तक का जुर्माना लगा सकता है मजिस्ट्रेट

आरपीएफ ऐसे यात्री के खिलाफ रेलवे एक्ट के सेक्शन 137 के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश करती है। मजिस्ट्रेट ऐसे यात्री पर 1 हजार रुपए का जुर्माना लगा सकता है। यदि यात्री जुर्माना के भुगतान करने से इनकार कर देता है तो उसे 6 महीने तक की जेल की सजा सुनाई जा सकती है।

बिना टिकट यात्रा से होने वाले नुकसान पर चिंता जता चुकी है संसदीय समिति

रेलवे की वित्त वर्ष 2016-17 की फाइनेंशियल रिपोर्ट की समीक्षा के बाद संसद की रेलवे कन्वेंशन कमेटी 2018 में बिना टिकट यात्रा से होने वाले राजस्व नुकसान पर चिंता जता चुकी है। इसको गंभीरता से लेते हुए रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को पूरे देश में बिना टिकट यात्रियों के खिलाफ अभियान चलाने को कहा था। इसके अलावा जोनल रेलवे ने टीटीई के लिए सालाना लक्ष्य तय करने के लिए भी कहा है।

मार्च से अब तक 1.78 करोड़ टिकट रद्द किए

कोरोनावायरस महामारी के कारण रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। संक्रमण को रोकने के लिए मार्च में रेल सेवा बंद करने के कारण रेलवे को अब तक 1.78 करोड़ टिकट रद्द करने पड़े हैं। यह टिकट 25 मार्च से अब तक रद्द किए गए हैं। रेलवे ने कहा है कि कोविड-19 के कारण रद्द किए गए टिकटों पर किसी भी प्रकार की राशि या कैंसिलेशन चार्ज नहीं वसूला गया है।

यात्रियों को 2727 करोड़ रुपए लौटाए

आरटीआई के मुताबिक, टिकट रद्द करने के कारण रेलवे को यात्रियों को 2727 करोड़ रुपए का रिफंड देना पड़ा है। इससे पहले पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पहली बार रेलवे को टिकट बुकिंग से ज्यादा रिफंड देना पड़ा है। कोरोना से प्रभावित चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में रेलवे का पैसेंजर रेवेन्यू नकारात्मक 1066 करोड़ रुपए रहा है। यात्री ट्रेनें रद्द होने के कारण रेलवे को अप्रैल में 531.12 करोड़ रुपए, मई में 145.24 करोड़ रुपए और जून में 390.6 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।



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बिना टिकट यात्री पर मजिस्ट्रेट 1 हजार रुपए तक का जुर्माना लगा सकता है।


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