वर्क फ्रॉम होम के कारण किराए के फर्नीचर की मांग बढ़ी, डेस्क और कंफर्टेबल चेयर्स की ज्यादा डिमांड
कोरोनावायरस संक्रमण को देखते हुए वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ने से कंपनियां और स्वतंत्र उपभोक्ता किराए की वस्तुओं को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। खासतौर पर मेट्रो शहरों में यह ट्रेंड दिख रहा है। इससे किराए की फर्नीचर में मांग में भी बढ़ोतरी हुई है। फर्नीचर इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने यह बात कही है।
लंबे समय तक चलेगा वर्क फ्रॉम होम: लांबा
फर्नीचर रेंटल सर्विस देने वाली कंपनी फैबरेंटों के फाउंडर सिद्धांत लांबा का कहना है कि मार्च के अंतिम सप्ताह में देशव्यापी लॉकडाउन के कारण वर्क फ्रॉम होम एक नया नियम बन गया है। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के कारण इसके लंबे समय तक रहने की उम्मीद है। अधिकांश प्रोफेशनल के पास कंफर्टेबल ऑफिस फर्नीचर नहीं होने के कारण वर्क फ्रॉम होम तनावपूर्ण बन रहा है। लांबा के मुताबिक, जून में अनलॉक-1 की घोषणा होने के बाद वर्क फ्रॉम होम के लिए डेस्क के बारे में पूछताछ करने वालों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई और सभी डेस्क की बिक्री हो गई। इस कारण तुरंत नई डेस्क का निर्माण कराना पड़ा। लांबा के अनुसार, डेस्क और कंफर्टेबल चेयर्स की ज्यादा डिमांड है। कुछ लोग रिक्लाइनर के साथ-साथ घरेलू उपकरण भी किराए पर ले रहे हैं।
लग्जरी फर्नीचर खरीदने कई लोगों के लिए व्यवहारिक विकल्प नहीं
लांबा का कहना है कि कई लोगों के लिए लग्जरी फर्नीचर खरीदना व्यवहारिक विकल्प नहीं है। अस्थायी ऑफिस की स्थापना के लिए किराए का फर्नीचर सुरक्षित और आसान विकल्प है। किराए के फर्नीचर का कॉन्सेप्ट एक विशेष अवधि के लिए है। कर्मचारियों के साथ-साथ कई कंपनियां भी इस कॉन्सेप्ट का स्वागत कर रही हैं। इस ट्रेंड से हमारे लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं। हम कंपनियों को उनके कर्मचारियों के लिए उनके घर पर बेहतर ऑफिस सॉल्यूशन उपलब्ध करा सकते हैं। कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए ऑफिस सेटअप उपलब्ध कराने के लिए फैबरेंटो के साथ टाई-अप किया है।
70 फीसदी से ज्यादा कंपनियां वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी के पक्ष में
नाइट फ्रेंक के एक हालिया सर्वे के मुताबिक, 70 फीसदी से ज्यादा कंपनियां वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी के पक्ष में हैं। यह कंपनियां अगले 6 महीने तक कुल स्टाफ से वर्क फ्रॉम होम करने की इच्छुक हैं। लांबा का कहना है कि लॉकडाउन से वर्क फ्रॉम होम के चलते कंपनियों की प्रोडक्टिविटी प्रभावित नहीं हुई है। फर्नीचर इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के मुताबिक, किराए के फर्नीचर का कॉन्सेप्ट 2011 में शुरू हुआ था। लेकिन इसे असली पहचान 2013 में मिली, जब टियर-1 जैसे शहरों में युवा प्रोफेशनल्स की मदद के लिए कई स्टार्टअप्स सामने आए।
वर्क फ्रॉम होम सॉल्यूशन में 40 फीसदी की तेजी
ऑनलाइन फर्नीचर उपलब्ध कराने वाली कंपनी सिटी फर्निश के फाउंडर और सीईओ नीरव जैन के मुताबिक, स्टडी टेबल और चेयर जैसे वर्क फ्रॉम होम सॉल्यूशंस की मांग में 40 फीसदी की तेजी आई है। कंपनियों की ओर से कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के लिए प्रोत्साहित करने के कारण लॉकडाउन के बाद भी इन दोनों उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है। जैन के मुताबिक, होम अप्लायंसेज और बेसिक फर्नीचर के अलावा कंफर्टेबल बेड एंड रिक्लाइनर की मांग में सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं।
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