गिरती अर्थव्यवस्था के बीच भारतीय कंपनियों ने रिकॉर्ड 2.27 लाख करोड़ रुपए की पूंजी जुटाई, फंड जुटाने में बैंक सबसे आगे

भारतीय कंपनियों ने गिरती अर्थव्यवस्था के बीच रिकॉर्ड 2.27 लाख करोड़ रुपए (3100 करोड़ डॉलर) की इक्विटी पूंजी जुटाई है। रिफिनिटिव की डेटा आधारित रिपोर्ट के मुताबिक बैंक भविष्य की आर्थिक अनिश्चितता को देखते हुए बैलेंस शीट को मजबूत कर तैयारी कर रहे हैं। फंड जुटाने में बैंक सबसे आगे हैं। साथ ही, कॉरपोरेट्स बाजार की बदली हुई परिस्थितियों को देखकर तैयारी कर रहे हैं। निवेश हासिल करने का यह रिकॉर्ड पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में -23.9% की भारी गिरावट के बावजूद बना है।

अर्थव्यवस्था में 40 साल में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट आई है। सेक्टर वाइज बात करें तो बैंक व वित्तीय संस्थान 1368 करोड़ डॉलर जुटाकर इस फंड रेजिंग मुहिम में सबसे आगे हैं। इसके बाद ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में 705 करोड़ डॉलर और उपभोक्ता उत्पाद 341 करोड़ डॉलर हैं। डेटा के मुताबिक, देश में सबसे ज्यादा जून में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 700 करोड़ डॉलर जुटाए। अब कंपनी का फोकस रिटेल बिजनेस के विस्तार पर है। रिपोर्ट कहती है कि भारतीय बाजारों और अच्छी कंपनियों में निवेश को लेकर विदेशी निवेशकों की रुचि बहुत मजबूत है।

इस साल अगस्त में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश
भारतीय इक्विटी बाजार में अगस्त में भारी विदेशी निवेश हुआ है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त में विदेशी निवेश 600 करोड़ डॉलर का आंकड़ा पार गया है। पिछले तीन महीने में विदेशी निवेश 1000 करोड़ डॉलर से ज्यादा का हुआ है। इस साल लॉकडाउन के बाद मार्च महीने में एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे। भारतीय इक्विटी मार्केट से उन्होंने 800 करोड़ डॉलर से ज्यादा की निकासी की। अप्रैल में भी निकासी जारी रही। हालात में सुधार की उम्मीद को देखते हुए भारतीय बाजारों में मई महीने से फिर से एफपीआई ने निवेश शुरू कर दिया।

निवेश के लिहाज से 2020 में रियल एस्टेट कंपनियां प्रमुख दावेदार होंगी
कॉर्पोरेट एडवाइजर्स के मुताबिक, 2020 में अब रियल एस्टेट कंपनियां निवेश के लिहाज से तगड़ी दावेदार होंगी। इसके पीछे वजह है कि कोरोना महामारी का मौजूदा संकट कम या खत्म होने के बाद प्रॉपर्टी को लेकर डिमांड में तेजी आनी तय है। सलाहकारों के मुताबिक अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए किए गए सरकारी प्रयासों की भूमिका रहेगी। आने वाले समय में ऐसे कदमों, प्रोत्साहन पैकेज आदि का स्पष्ट असर देखने को मिलेगा। एक्सपर्ट्स के मुताबिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ओर से बड़े पैमाने पर जुटाई पूंजी से साफ है कि कंपनियों को कारोबार बढ़ाने को क्रेडिट या लोन देने की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

भारतीय बाजारों में पैसा लगाने के लिए विदेशी निवेशकों की उत्सुकता ज्यादा
डेटा रिसर्च रिपोर्ट से यह पता चलता है कि भारतीय बाजारों और कंपनियों में पैसा लगाने के लिए विदेश निवेशकों में उत्सुकता सबसे ज्यादा है। अगस्त तक तीन महीनों में भारत से बाहर के निवेशकों की ओर से शेयर की खरीदारी में जबर्दस्त उछाल आया है। इस दौरान विदेशी निवेशकों ने करीब 75,190 करोड़ रुपए से ज्यादा के शेयर खरीद डाले गए हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अगस्त में विदेशी निवेश 600 करोड़ डॉलर का आंकड़ा पार गया है। पिछले तीन महीने में विदेशी निवेश 1000 करोड़ डॉलर से ज्यादा का हुआ है। -फाइल फोटो


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3h2UUP9
via ATGNEWS.COM

Post a Comment

0 Comments